For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कल के लिए (लघुकथा)

"रागिनी ! इन छोटी छोटी बातों को नजरंदाज करना सीखो I"
"तो आप क्या चाहते हैं कि मैं चुप बैठी रहूँ ?"
"देखो अकेली यात्रा करोगी तो कोई न कोई ऐसा व्यवहार करेगा ही I अब क्या मिलेगा पुलिस में शिकायत करने से ?"
राजेंद्र ने छोटी बहन को समझाया।
"आपकी बेटी भी तो कुछ ही सालों में जवान हो जाएगी भाईसाब I "
भाई के माथे पर अचानक पसीने की बूँदें चुहचुहा उठीं।
"रुक रग्गो, गाड़ी निकालने दे मुझे, हम सब तुम्हारे साथ चलेंगे रिपोर्ट लिखवाने I "
(संशोधित)
मौलिक व अप्रकाशित

Views: 741

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वेदिका on October 14, 2014 at 11:49am
कथा को आपका आशीष मिला आ० मीना दीदी जी!
सादर !!
Comment by वेदिका on October 14, 2014 at 11:48am
आपका आभार व्यक्त करती हूँ आ० सन्देश जी! वाकई में यदि ये कदम बीते कल में उठा लिया जाता तो आने वाला कल आज ही होता।
सादर !!
Comment by Meena Pathak on October 13, 2014 at 6:30pm

सार्थक सन्देश देती लघुकथा ..हार्दिक बधाई प्रिय गीतिका जी 

Comment by संदेश नायक 'स्वर्ण' on October 13, 2014 at 1:01pm

माननीया वेदिका जी,
' कल के लिए ' आगाह करके, आपने आज को दुरुस्त कर लेने की हिदायत दी है,, समूचे जन-मानस को | इस सतर्कतावादी, सारगर्भित कथा के लिए हार्दिक शुभकामनायें |

Comment by वेदिका on October 13, 2014 at 10:57am
आपने कथा के मर्म को छुआ आ० सचिन जी!सच है अपराधों के विरुद्ध किसी को दर्ज करना ही होगा आपत्तिकरण ताकि कल कुछ तो साफ़ हो। आपका आभार व्यक्त करती हूँ
सादर !!
Comment by Sachin Dev on October 9, 2014 at 2:29pm

आदरणीय गीतिका जी..... बेहतरीन  संदेशपरक लघुकथा पोस्ट करने के लिये हार्दिक शुभकामनाये..... दरअसल आज हमारे समाज मैं लड़कियों और नारियों के खिलाफ जो अपराध बढते जा रहे हैं उसमे बहुत बड़ा योगदान हमारे समाज की इसी मानसिकता का है कि हम अपराधी के विरुद्ध खड़े नही होते कई परिस्तिथियाँ होती हैं जो लड़कियों को रोकतीं हैं और ऐसे ही अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं ... एक अच्छा सन्देश प्रेषित करने के लिये हार्दिक शुभकामनाये आपको .....

Comment by वेदिका on October 9, 2014 at 1:08pm
रचना आदरणीय प्रधान सम्पादक जी के निर्देशन में कथा को संशोधित कर प्रकाशित की है। आभार प्रकट करती हूँ
आदरणीय बागी जी आपको आभार प्रेषित करती हूँ
सादर !!
Comment by वेदिका on October 9, 2014 at 10:34am
आपका आभार व्यक्त करती हूँ आ० गिरीराज जी! आ० विनय जी!

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 3, 2014 at 8:45pm

आदरणीया गीतिका जी , विषय का चुनाव बहुत सुन्दर है , बधाइयाँ |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 3, 2014 at 9:05am

आदरणीया वेदिका जी, बहुत भ्रमित करती है यह लघुकथा, कई बार पढ़ा तथ्यों को समझने के लिए  ....... 

//राजेंद्र ने छोटी बहन को समझाया//

//"आपकी पाँच साल की बेटी भी दस साल बाद बड़ी होगी छोटे भाईसाब"//

भाई बड़ा है या छोटा ? 

//आवेदन में संलग्नक// 

कहानी में इस पक्ति की उपयोगिता ? कैसा आवेदन, कैसा संलग्नक ? 

"रुक रग्गो!

ये रग्गो कौन है ? अगर रागिनी ही रग्गो है तो रागिनी की जगह रग्गो करने से समझना आसान होता। 

इस प्रयास पर बधाई, कथा को अंतिम रूप देने से पहले कई बार पढ़ लें और प्रत्येक बार कमियों को पकड़ सुधार करें। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल अच्छी है, लेकिन कुछ बारीकियों पर ध्यान देना ज़रूरी है। बस उनकी बात है। ये तर्क-ए-तअल्लुक भी…"
3 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"२२१ १२२१ १२२१ १२२ ये तर्क-ए-तअल्लुक भी मिटाने के लिये आ मैं ग़ैर हूँ तो ग़ैर जताने के लिये…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )

चली आयी है मिलने फिर किधर से१२२२   १२२२    १२२जो बच्चे दूर हैं माँ –बाप – घर सेवो पत्ते गिर चुके…See More
3 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर नज़र ए करम का देखिये आदरणीय तीसरे शे'र में सुधार…"
8 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय भंडारी जी बहुत बहुत शुक्रिया ग़ज़ल पर ज़र्रा नवाज़ी का सादर"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"  आदरणीय सुशील सरनाजी, कई तरह के भावों को शाब्दिक करती हुई दोहावली प्रस्तुत हुई…"
11 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . . .

कुंडलिया. . .चमकी चाँदी  केश  में, कहे उमर  का खेल ।स्याह केश  लौटें  नहीं, खूब   लगाओ  तेल ।खूब …See More
12 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
12 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर इस्लाह करने के लिए सहृदय धन्यवाद और बेहतर हो गये अशआर…"
13 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. आज़ी तमाम भाई "
13 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आ. आज़ी भाई मतले के सानी को लयभंग नहीं कहूँगा लेकिन थोडा अटकाव है . चार पहर कट जाएँ अगर जो…"
13 hours ago
Aazi Tamaam commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"बेहद ख़ूबसुरत ग़ज़ल हुई है आदरणीय निलेश सर मतला बेहद पसंद आया बधाई स्वीकारें"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service