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ट्रैफिक नियम [दोहावली]

दायें बायें देख के, खुद को कर तैयार
राह सुरक्षित हो तभी, करना उसको पार ||

सड़क सुरक्षा के लिए, नियमों का कर ध्यान
राह बनेगी सरल तब और मिलेगा मान ||

ट्रैफिक सिग्नल के नियम, रखते हैं जो ध्यान
मंजिल मिलती है उन्हें, पथ होता आसान ||

तीन रंग का खेल है ,समझ न इसको खेल
पीला नीचे लाल के संग हरे का मेल ||

दिखे लाल बत्ती अगर, झट से रुकना यार
खतरे का हो सामना, किया अगर जो पार ||

पीली बत्ती देख के, हो जाना तैयार
फूंक फूंक के पग धरो ,जीवन के दिन चार ||

दिखे हरी बत्ती अगर, पार करो तब राह
जल्दी से देरी भली ,मेरी यही सलाह ||

जल्दी जल्दी क्यों करो, पथ जो करना पार
यह जीवन अनमोल है, यह जीवन उपहार ||

करके मदिरापान जो, अगर चलाई कार
कटता फिर चालान औ अपमानित बेकार ||

ट्रैफिक नियमों को अगर किया नहीं स्वीकार
जुर्माना हो साथ में जेल मिले तैयार ||

......................................................

...........मौलिक व अप्रकाशित................

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Comment

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Comment by Abhinav Arun on June 11, 2014 at 11:06am
अरे वाह इन काम की बातों को आपने बड़े ही सुन्दर लहजे में संजोया है क्या कहने ..बधाई बधाई बहुत पसंद आये दोहे !!

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 11, 2014 at 9:44am

आदरणीया सरिता भाटिया जी 

ट्रैफिक नियमों को बहुत सुगढ़ता से ..सुन्दरता से..सार्थकता से आपने दोहावली में प्रस्तुत किया है....बहुत खूब 

आज के समय में जहां ट्रैफिक नियमों का पालन न करने से, तेज रफ़्तार से, एल्होहल  ले कर वाहन चलाने से.. सड़क दुर्घटनाओं और हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है..  ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि ट्रैफिक नियमों का हर हाल में पालन सुनिश्चित किया जाना. 

आपने एक सार्थक विषय को अभिव्यक्ति का विषय बनाया और सुरुचिपूर्ण तरीके से अभिव्यक्त किया ...मेरी हार्दिक बधाई प्रेस्षित है..

एक बात:

राह बनेगी सरल तब...................इस पद्यांश को...( राह बनेगी तब सरल )ऐसे करके देखिये.

सस्नेह 

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