For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक नवजात के नाम - (रवि प्रकाश)

कौन है तू, मौन मेरा या मुखर संगीत है,

शब्द है कोई मधुर या भाव शब्दातीत है।
रंग है या रेख केवल,चित्र है या तूलिका,
शेर है मेरी ग़ज़ल का,नज़्म या नवगीत है॥
.
कुछ पुरानी भंगिमाएँ,कुछ नई मुस्कान है,
सिसकियों में सुर सजे हैं,आह में भी गान है।
खोजते हैं लोग मेरा अक्स तेरी आँख में,
तू जहां से और तुझ से ये जहां हैरान है॥
.
नर्म उजली धूप का उबटन लगे जब गुनगुना,
देवदारों में हवा का बज रहा हो झुनझुना।
मौसमों की करवटों में दास्तानें पढ़ सके,
बारिशों में सुन सके तू गीत कोई अनसुना॥
.
झुटपुटे में शाम के जब चाँद का झूमर हिले,
रात की रानाइयों में चाँदनी तुझ पर खिले।
गाल पे बिखरा करेगी भोर की जो लालिमा,
दोपहर का ताप भी तेरी अदाओं को मिले॥
.
-मौलिक एवं अप्रकाशित।
-15.04.2014

Views: 714

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ravi Prakash on June 4, 2014 at 12:51pm
सराहना तथा उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद। आशीर्वाद बनाए रखें॥

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 3, 2014 at 3:17pm

किसी नवजात का आगमन भौतिक संज्ञाओं में ही नहीं भावनाओं और अनुभूतियों तक में सुखकर परिवर्तन का कारण बनता है. आपकी अभिव्यक्ति में इसकी सुन्दर बानगी देख रहा हूँ.  मुग्ध पिता के सात्विक भावोद्गारों से गुजरना एक अनुभव है.

हार्दिक बधाइयाँ.

Comment by Ravi Prakash on May 30, 2014 at 9:45pm
ज़र्रानवाज़ी के लिए शुक्रिया आ॰ विन्दु जी।
Comment by Ravi Prakash on May 30, 2014 at 9:33pm
सराहना तथा उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद आ॰ आशुतोष जी। आशीर्वाद बनाए रखें॥
Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 30, 2014 at 3:46pm

झुटपुटे में शाम के जब चाँद का झूमर हिले,
रात की रानाइयों में चाँदनी तुझ पर खिले।
गाल पे बिखरा करेगी भोर की जो लालिमा,
दोपहर का ताप भी तेरी अदाओं को मिले॥...बिशेष मनोदशा में कभी कभी कुछ ऐसा लिखा जाता है तो खुद तो बहता है सबको बहा ले जाता है ..कई बार पढ़ा .दिल को गुदगुदाता सा , प्यारा गीत ...तहे दिल बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by Vindu Babu on May 29, 2014 at 8:05pm

अंतर्मन से निकली हुई आपकी यह सुंदर रचना नवजात के लिए हृदय में अनायास ही स्नेह जगा रही है।

बड़ी अच्छी रचना हुई है आदरणीय रवि प्रकाश जी।

सादर बधाई आपको...

Comment by Ravi Prakash on May 28, 2014 at 11:26pm
सराहना तथा उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद आ॰ नादिर ख़ान जी।
Comment by Ravi Prakash on May 28, 2014 at 11:23pm
बहुत-बहुत धन्यवाद आ॰ कुंती जी।
Comment by नादिर ख़ान on May 28, 2014 at 8:49pm

दिल की गहराईयों से निकले शब्दों के साथ लिखा गया सुंदर गीत  ... ढेरों शुभकामनायें आदरणीय रवि प्रकाश जी ।

Comment by coontee mukerji on May 28, 2014 at 8:09pm

कौन है तू, मौन मेरा या मुखर संगीत है,

शब्द है कोई मधुर या भाव शब्दातीत है।
रंग है या रेख केवल,चित्र है या तूलिका,
शेर है मेरी ग़ज़ल का,नज़्म या नवगीत है॥......अति सुंदर.हार्दिक बधाई.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार सुशील भाई जी"
16 hours ago
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार समर भाई साहब"
16 hours ago
रामबली गुप्ता commented on सालिक गणवीर's blog post ग़ज़ल ..और कितना बता दे टालूँ मैं...
"बढियाँ ग़ज़ल का प्रयास हुआ है भाई जी हार्दिक बधाई लीजिये।"
17 hours ago
रामबली गुप्ता commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करते तभी तुरंग से, आज गधे भी होड़
"दोहों पर बढियाँ प्रयास हुआ है भाई लक्ष्मण जी। बधाई लीजिये"
17 hours ago
रामबली गुप्ता commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"गुण विषय को रेखांकित करते सभी सुंदर सुगढ़ दोहे हुए हैं भाई जी।हार्दिक बधाई लीजिये। ऐसों को अब क्या…"
17 hours ago
रामबली गुप्ता commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (ग़ज़ल में ऐब रखता हूँ...)
"आदरणीय समर भाई साहब को समर्पित बहुत ही सुंदर ग़ज़ल लिखी है आपने भाई साहब।हार्दिक बधाई लीजिये।"
17 hours ago
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आहा क्या कहने भाई जी बढ़ते संबंध विच्छेदों पर सभी दोहे सुगढ़ और सुंदर हुए हैं। बधाई लीजिये।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"सादर अभिवादन।"
19 hours ago
Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति हुई है । हार्दिक बधाई सर"
yesterday
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"रिश्तों की महत्ता और उनकी मुलामियत पर सुन्दर दोहे प्रस्तुत हुए हैं, आदरणीय सुशील सरना…"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service