For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छोटी बहर की ग़ज़ल : अजब ये रोग है दिल का

बहर : हज़ज मुरब्बा सालिम

       1222, 1222

परेशानी बढ़ाता है,

सदा पागल बनाता है,

अजब ये रोग है दिल का,

हँसाता है रुलाता है,

दुआओं से दवाओं से,

नहीं आराम आता है,

कभी छलनी जिगर कर दे,

कभी मलहम लगाता है,

हजारों मुश्किलें देकर,

दिलों को आजमाता है,

गुजरती रात है तन्हा,

सवेरे तक जगाता है,

नसीबा ही जुदा करता,

नसीबा ही मिलाता है,

कभी ख्वाबों के सौ टुकड़े,

कभी जन्नत दिखाता है,

उमर लम्बी यही कर दे,

यही जीवन मिटाता है...

Views: 1742

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वीनस केसरी on July 26, 2013 at 3:50am

नसीबा ही जुदा करता,

नसीबा ही मिलाता है,

कभी ख्वाबों के सौ टुकड़े,

कभी जन्नत दिखाता है,

वाह वा बहुत खूब

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 22, 2013 at 7:53pm

आ0 अरून भाई जी,   लाजवाब... वाह! वाह!  खूब सूरत गजल।  हार्दिक बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 22, 2013 at 1:17pm

हार्दिक आभार आदरणीया गीतिका वेदिका जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 22, 2013 at 1:16pm

हार्दिक आभार केतन भाई जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 22, 2013 at 1:15pm

हार्दिक आभार आदरणीया आरती जी काफी समय के बाद आप ओ बी ओ पर एवं मेरी पोस्ट पर आयीं बड़ी प्रसन्नता हुई. गुजारिश है आपसे सक्रियता बनाये रखें.

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 22, 2013 at 1:14pm

हार्दिक आभार आदरणीया सरिता जी स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 22, 2013 at 1:14pm

शुक्रिया आदरणीय जीतेंद्र भाई जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 22, 2013 at 1:14pm

ह्रदय से हार्दिक आभार आदरणीया प्राची दी आपकी टिपण्णी सदैव उत्साह को बढाती है एवं और अच्छा लिखने हेतु अग्रसर करती. अनुज पर स्नेह एवं आशीष यूँ ही बनाये रखिये.

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 22, 2013 at 1:12pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय बृजेश भाई जी स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 22, 2013 at 1:12pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया अनुपमा जी, ग़ज़ल के विषय में जानकारी प्राप्त करने हेतु पाठशाला में जाकर ग़ज़ल की कक्षा या ग़ज़ल की बातें का अनुसरण करें, आप ग़ज़ल लिखना शुरू कर देंगी. सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service