For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्यार की पराकाष्ठा

मैंने ख्वाबों में देखा है, कल आयेंगे घर सजना 

आज सुबह से थिरक रहे हैं,चंचल चित,व्याकुल नयना

 

घनघोर घटा घर आंगन छाना,तुझमें  ही छुप जाऊंगी

व्यथित ढूंढ जब होंगे प्रिय, तुरत सामने आ जाऊंगी

लग जाऊंगी जब सीने से, झूम बरसना तुम अंगना

              मैंने ख्वाबों में देखा है, कल आयेंगे घर सजना 

 

पी-कहाँ, पपीहे कहते थे तुम, कल तडके घर आ जाना

मेरे साथ ही तुझको भी है, गीत ख़ुशी के फिर गाना

द्वार मिलन पर पलक बिछाए ठुमक रहे मेरे कंगना  

                 मैंने ख्वाबों में देखा है, कल आयेंगे घर सजना 

 

कली-कली से कह दो भौंरे,खिलना होगा ठीक समय

चारों और सुगंध रहे जब द्वार खड़े  हों सुमन तनय

प्रात समीर है तुझसे अनुनय,धीरे-धीरे तुम  चलना  

                   मैंने ख्वाबों में देखा है, कल आयेंगे घर सजना 

                   आज सुबह से थिरके  मेरे चंचल चित, व्याकुल नयना

 

मौलिक और प्रकाशित 

Views: 924

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 5, 2013 at 10:24pm

  

 

आदरणीय Saurabh Pandey जी सादर

 

चारों ओर सही शब्द समुच्चय है नकि चारों और.—एकदम सही, यह गलती टाइप की वजह से आयी है.

 जो आपने सुझाया है, मूल शब्द वही है

 आभार सादर

 

Comment by coontee mukerji on July 5, 2013 at 7:55pm

बहुत सुंदर प्रेमगीत......वह कवि मन ही क्या जो प्रेमगीत न गुंगुनाए.अच्छा लगा.वैसे भी आजकल की परिस्थिति  देख देखकर मन खिन्न हो जाता है.जहाँ कली कली खिले ,वातावरण पुष्पित हो जाता है.

सादर

कुंती


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 5, 2013 at 7:08pm

बहुत कुछ स्पष्टता बनी प्रतीत हो रही है.  मेरी बातों को यथोचित मान देने के लिए आपका सादर धन्यवाद, आदरणीय ललितजी.

हाँ, एक बात और, चारों ओर सही शब्द समुच्चय है नकि चारों और.

सादर

Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 5, 2013 at 6:16pm

आदरणीय      Dr.Prachi Singh   जी 

भाव को आत्मसात करने के लिए शुक्रिया 
सादर आभार 
Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 5, 2013 at 6:09pm

आदरणीय     DR. GANGADHAR DHOKE   जी 


सादर आभार 
Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 5, 2013 at 6:07pm

आदरणीय    Laxman Prasad Ladiwala  जी 


सादर आभार 
Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 5, 2013 at 6:06pm

आदरणीय    Jitendra Pastariya जी 


सादर आभार 
Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 5, 2013 at 6:05pm

आदरणीय   रविकर जी 

आप सही कह रहे हैं 
सादर आभार 
Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 5, 2013 at 6:03pm

आदरणीय  vijay nikore जी 

सादर आभार 
Comment by Dr Lalit Kumar Singh on July 5, 2013 at 6:02pm

शुक्रिया नैथानी जी 

सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service