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उत्तराखंड की आपदा हो ,या देश के दुश्मनो के काले कारनामो  मे लाखो लोगो का  एक मात्र सहारा भारतीय सेना, उसका एक हेलीकाप्टर दुर्र्घटना ग्रस्त हुआ और हमारे नायक सहीद हुए ! घटना स्थल के निकट होने के कारण , मन मे कुछ भाव उठे जो लिख रहा हु ! मंच के प्रबुद्ध भागीदार त्रुटियों को माफ़ करते हुए |सभी को भगवान सुरक्षित करे शांति दे यही इच्चा है !

मेरी भावना समझने की क्रपया करे 

तंग हालात मे जो हस के गुजर जाते है |

मुसीबतों मे  जो सोना सा निखर जाते है 

उनकी पेशानी  पे  चमका ना पसीना श्रम का 

उनकी राहो  मे दुःख आकर ठहर जाते है |

तंग हालात मे जो हस के गुजर जाते है 

देश के खातिर जो   अपनी जान पर खेल जाते है । 

मुसीबत जो भी हो , याद वो ही आते है ।

हमला सीमा पर हो या अंदर सामने वो खड़े हो जाते है !

घर परिवार है उनके भी, अपने बच्चे याद कहा आते है !

देश के हर दुश्मन को वो हिम्मत से   मार भगाते है

 या  तिरंगे मे  लिपटे ताबूत मे बापस  घर तब अपने  आते  है |

देश के जर्रे - जर्रे से  सदा महानायक का दर्ज़ा पाते है |

मोलिक एवं अप्रकाशित -

नोट >( संशोधन करते समय ये रचना अज्ञात कारणों से समाप्त हो गयी है  )

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Comment by aman kumar on August 6, 2013 at 10:09am

जवाहर भाई ! एवं आदरणीय लक्ष्मण जी का असीर्वाद मिला आभार !

Comment by aman kumar on August 6, 2013 at 10:07am

विजय भाई एवं आदित्य कुमार जी का आभार !

Comment by विजय मिश्र on August 5, 2013 at 5:57pm
विपरीत और आपात स्थितियों आसारा , संकट के समय में एकमात्र संबल एवं सहारा -- भारतीय सेना की राष्ट्र और दायीत्वों के प्रति जो सेवा और समर्पण है वह नमनीय है वर्णनीय नहीं .उन्हें प्रणाम . आपकी भावना भी कम आदर पाने योग्य नहीं .
Comment by Aditya Kumar on August 5, 2013 at 3:22pm

सही कहा भाई जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 30, 2013 at 12:50pm

सेना के जवानो के जितनी प्रसंसा की जावे कम है | बधाई स्वीकारे -

बहादुर जवानो के बल पर ही अब साध रहे सब काम 

वर्ना नेताओं के बल पर जीना भी हो रहा अब हराम |

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 30, 2013 at 12:48pm

सेना के जवानो के जितनी प्रसंसा की जावे कम है | बधाई स्वीकारे -

बहादुर जवानो के बल पर ही अब साध रहे सब काम 

वर्ना नेताओं के बल पर जीना भी हो रहा अब हराम |

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 30, 2013 at 7:09am

हमला सीमा पर हो या अंदर सामने वो खड़े हो जाते है !

घर परिवार है उनके भी, अपने बच्चे याद कहा आते है !... सुंदर ये ही हमारे रक्षक महानायक हैं!

Comment by विजय मिश्र on June 28, 2013 at 6:04pm
इस ' गायब ' वाला कालाजादू मैंने भी अपनी टिप्पणीयों के साथ कई दफा भुगता है , कुछ दफ़ा तो नहीं लगा रखा है खास तरह की बातों पर . जो भी हो ,परेशान मैं भी था ,रविकरजी की दया से कमसेकम आज मन सुलझ गया .
Comment by aman kumar on June 28, 2013 at 4:59pm

आपका आभार सुमित जी  !

Comment by Sumit Naithani on June 28, 2013 at 3:57pm

सुंदर रचना अमन भाई 

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