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!!! नवगीत !!!

!!! नवगीत !!!


अब तो आजा मीत मेरे, पलकें हो गई नम।
गीत में यूं दर्द छिपें हैं, सासें हो गई गर्म।।

जीवन इक पल का लगता है,
दिन लगता इक वर्ष।
रातें तारों जैसी लगती है,
अनगिनती हर पल।।..... अब तो आजा.....

तुम बिन सूनी सब गलियां,
सूना लगता है उपवन।
जलघट बिन पनघट जाती हूं,
छलक-छलक जाता यौवन।।..... अब तो आजा ...

अखिंयां राह बिछी फूलों संग,
बगिया हैं बौराए सब।
प्राण उड़-उड़ जाते पत्तों से,
रूक जाती दिल की धड़कन।।...... अब तो आजा ...

अंधड़ लू सी सांसे चलती हैं,
चांदनी मे जलता तन-मन।
सावन संग घनश्याम न आए,
बरस पड़े नयनों के शब ।।..... अब तो आजा .....


के0पी0सत्यम/मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 15, 2013 at 8:51pm

आ0 गुरूवर सौरभ सर जी,   जी सर!  आपके आशीष और स्नेह के प्रति तहेदिल से हार्दिक आभारी हूं।  सादर,


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 15, 2013 at 5:01pm

प्रयासरत रहें..

शुभेच्छाएँ.. .

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 13, 2013 at 9:02pm

आ0 कुशवाहा जी,  सर जी,  नवगीत की सराहना एवं अपार स्नेह के लिए आपका तहेदिल से हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 13, 2013 at 4:39pm

अंधड़ लू सी सांसे चलती हैं,
चांदनी मे जलता तन-मन।
सावन संग घनश्याम न आए,
बरस पड़े नयनों के शब ।।..... अब तो आजा

बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति 

प्यारा सा गीत 

बधाई प्रिय केवल प्रसाद जी 

सस्नेह 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 12, 2013 at 12:08pm

आ0 जवाहर लाल जी,   आपके स्नेह एवं उत्साहवर्धन के लिए तहेदिल से हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 12, 2013 at 12:07pm

आ0  कुन्ती मैम जी,   आपके स्नेह एवं उत्साहवर्धन के लिए तहेदिल से हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 12, 2013 at 12:06pm

आ0  श्याम नारायण जी,   आपके उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए तहेदिल से हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on May 12, 2013 at 5:47am

अंधड़ लू सी सांसे चलती हैं,
चांदनी मे जलता तन-मन।
सावन संग घनश्याम न आए,
बरस पड़े नयनों के शब ।।..... अब तो आजा .....

बहुत ही सुंदर विरह गीत ! 

Comment by coontee mukerji on May 11, 2013 at 6:24pm

बहुत सुंदर भावभीनी विरहगीत .केवल जी आप तो हर विधा के धनी है . /सादर / कुंती .

Comment by Shyam Narain Verma on May 11, 2013 at 6:09pm
बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर रचना के लिए ……………..

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