For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मंहगाई में होली

(पति पत्नी में मंहगाई को लेकर होली पर नोकझोक)

बलम ना करो बलजोरी

अबके फागुन खेलूंगी ना

तोरे संग मैं होरी .

बलम ना करो बलजोरी .

 

मेरी बात माने नाहीं  

मैं ना मानूंगी तोरी.

बलम ना करो बलजोरी.

बलम ना करो बलजोरी.

 

चांदी की पिचकारी लाओ,

लाओ रंग गुलाबी लाल,

जयपूर से लंहगा लाओ

तब जाकर छुओ गाल.

***********

मंहगाई की मार ने गोरी

जीना किया मुहाल.

पिचकारी मंहगी हुई

मंहगा हुआ गुलाल.

आओ हम रंग चुरा लें

प्रीत की फुलवारी से

आओ खेले हम होली

नयनन की पिचकारी से.

नयनन की पिचकारी से

एक दूजे को रंग लगाएंगे

हाथों में ले अबीर नेह का

गालों को लाल कर जायेंगे.

............नीरज कुमार ‘नीर’

यह मेरी मौलिक एवं अप्रकाशित रचना है.

 

 

 

 

 

 

Views: 518

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on March 27, 2013 at 4:18am

अगर पत्नी मान जाय आपकी बातों को 

समझ सके आपके मन के जज्बातों को 

तो समझिए आपका घर स्वर्ग है 

आपको सपरिवार होली मुबारक!

Comment by coontee mukerji on March 25, 2013 at 8:57pm

नीरज जी, महंगाई की  आढ़ लेकर कोई भी पति बच नहीं पाएगा . होली तो  होली  है.......!

Comment by राजेश 'मृदु' on March 25, 2013 at 12:42pm

एक गीत है ' मो से छल किए जाए, हाय रे हाय  सैयां बेईमान''  बहुत बधाई

Comment by बृजेश नीरज on March 25, 2013 at 11:31am

नीरज जी चाहे जितना समझाइए पत्नी मानेगी नहीं। ये भावनात्मक बातें शादी के बाद डिमांड पूरी होने पर ही पत्नी को समझ में आती हैं।
मेरी बधाई स्वीकारें। साथ ही होली की शुभकामनाएं। कम से कम सलवार सूट ही पत्नी को खरीद दीजिएगा।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 24, 2013 at 4:45pm

सुन्दर अभिव्यक्ति, हार्दिक बधाई श्री नीरज कुमार "नीर"

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 24, 2013 at 2:00pm

आदरणीय,नीरज कुमार ‘नीर‘ जी, बहुत - बहुत सुन्दर!  बधाई स्वीकार करें।

Comment by Pawan Kumar on March 24, 2013 at 1:45pm

होली का बहुत ही सुन्दर गीत पति-पत्नी के बीच का सुन्दर भाव, अति उत्तम।

Comment by ram shiromani pathak on March 24, 2013 at 1:13pm

bahot sundar bhai neeraj ji................badhai ho

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service