For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कैसे यह सरकार चलेगी कैसे तुम चल पाओगे
घूंट लहू की पीती जनता कैसे तुम बच पाओगे
दिल में थे अरमान बहुत औ लाखों सपने देखे थे
पर तुम उन सपनों को पूरा कैसे अब कर पाओगो
कैसे यह सरकार चलेगी कैसे तुम चल पाओगे

सोंचा था महफूज रहेंगे हंसी खुशी का मंजर होगा
हर लव पर खुशियां चहकेंगी सुखी यहां का जन-जन होगा
लेकिन उल्टा दांव पड़ रहा, गली गली में हरण हो रहा
चौक और चौराहों पर गुंडागर्दी का वरण हो रहा
यूपी की तसवीर यही क्या तुमने मन में ठानी थी
तुमने घर-घर जाकर जो बोली थी वह यह बानी थी
कैसे यह सरकार चलेगी ................................

घर से गुड़िया पढ़ने निकली शाम तलक वह लौटेगी
अब्बा गए बैंक को थे वह कब तक अम्मी आएंगे
मेरी पेंसिल, मेरा बिस्किट और खिलौना लाएंगे
तनिक देर होती तो हर लफ्जों में यही सवाल उठें
कहीं अगर घटना होती है मन में लाख बवाल उठें
कब तक यह तस्वीर जेहन से बोलो यहां मिटाओगो
कैसे यह सरकार चलेगी कैसे तुम चल पाओगे
घूंट लहू की पीती जनता .........................

कही धमाका कहीं गोलियां कहीं छुरे बाजी होती है
कहीं लुटेरे धावा बोलें कहीं जिंदगानी रोती है
यह सब तो चुनाव के वादों में तेरे तो नहीं लिखा था
यूपी लहूलुहान रहेगा, घोषणा पत्र में नहीं दिखा था।
फिर यह क्यों सौगात दे रहे कब तक तुम बच पाओगो
कैसे यह सरकार चलेगी कैसे तुम चल पाओगे
अतुल अवस्थी*अतुल*
बहराइच
(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 476

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 5, 2013 at 3:07pm

सुन्दर रचना के लिए बधाई श्री अतुल भाई | सरकार तो ऐसे ही चलेगी, संवेदनशील रचनाकार लिखते रहेंगे 

सरकार पर जूँ भी नहीं रेंगेंगी, हम सब ६५ वर्षो से देख रहे है, रचनाकार का कर्म और धर्म है, जन जन को 

सन्देश देना और सत्ता को चेताना, आगे हरि इच्छा |

Comment by ram shiromani pathak on March 5, 2013 at 2:24pm

क्या मार्मिक चित्रण किया है आपने .आदरणीय............बहोत बधाई ....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
10 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
21 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
27 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
32 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जू भाई, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं. सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सादर "
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service