For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बावरिया हो भागती, सजनी ज्यों पिय ओर l

दीवानी मीरा बनी, थाम कन्हैया डोर ll

थाम कन्हैया डोर, प्रेम में सुध बुध हारी l

मोहबंध सब त्याग, पुकारूँ बस गिरधारी ll

प्राण भक्ति में लीन, ओढ़ चूनर केसरिया l

प्रभु संग मधुर मिलन, हुई जोगन बावरिया ll

*********************

Views: 730

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er.vir parkash panchal on November 1, 2012 at 10:46am

bahoot khoob dr.prachi ji deewani mera mein may khoob anurag jalak raha hai...naman hai.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 31, 2012 at 9:10pm

आदरणीया सीमा जी , आपका सराहना हमेशा अच्छा लिखने को प्रेरित करता है, आपको यह कुण्डलिया रूचि यह जान कर संतोष हुआ है.

मुझे रोला छंद के विषम चरण के अंत के बारे में कोई विशिष्ट ज्ञान नहीं था, पर, अभी आदरणीय अम्बरीश जी द्वारा रोला छंद : एक परिचय का अंश पढ़ा, जो इस प्रकार है :

रोले की प्रत्येक पंक्ति के मध्य में ११ मात्रा की यति पर प्रायः गुरु लघु [२१] या लघु लघु लघु [१११] तथा पंक्ति के अंत में गुरु गुरु [२२] / लघु लघु गुरु [११२] या लघु लघु लघु लघु [११११] का उपयोग किया गया है ! परन्तु इसके अंत में दो गुरु होना ही श्रेयस्कर है

http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:To...

जिस पंक्ति के विषम चरण को आपने इंगित किया है, मुझे भी वहां प्रवाह रूकता सा लग रहा है, कृपया इस हेतु कुछ सुधार सुझाएँ . सादर.

Comment by seema agrawal on October 31, 2012 at 7:20pm

थाम कन्हैया डोर, प्रेम में सुध बुध हारी l

मोहबंध सब त्याग, पुकारूँ बस गिरधारी ll......बहुत प्यारी कुण्डलिया  प्राची 

प्रभु संग मधुर मिलन, हुई जोगन बावरिया ll...बस इस पंक्ति के सन्दर्भ में यह कहूंगी रोला के विषम चरण का अंत  दीर्घ -लघु होता है  मुझे लगता है मिलन लघु-दीर्घ होरहा है 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 31, 2012 at 6:26pm

हाँ प्राची जी आप सही कह रही हैं अब स्पष्ट हो गया बहुत बहुत शुक्रिया स्पष्ट करने के लिए 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 31, 2012 at 6:14pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी ,

यही प्रश्न मैंने आदरणीय गुरुदेव संजीव वर्मा सलिल जी से किया था...

आप कन्हैया को बोल कर देखें .. क पर आधा न का भार नहीं आ रहा है, इसलिए इसकी मात्रा ५ ही होगी, जैसा कि मैंने सीखा.

सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 31, 2012 at 6:07pm

वाह प्रिय प्राची जी क्या बात है दिल में भक्ति भाव भर दिया आपकी इस कुंडली  ने  बहुत प्यारी लिखी है एक बात कन्हैया में मेरे हिसाब से छह मात्रा होनी चाहिए आपने पांच की हैं क्या पांच सही हैं ?मेरा संशय दूर करें 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service