For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आ प्रिये कि प्रेम का हो एक नया शृंगार अब....

आ प्रिये कि हो नयी
कुछ कल्पना - कुछ सर्जना,
आ प्रिये कि प्रेम का हो
एक नया शृंगार अब.....

तू रहे ना तू कि मैं ना
मैं रहूँ अब यूं अलग
हो विलय अब तन से तन का
मन से मन का - प्राणों का,
आ कि एक - एक स्वप्न मन का
हो सभी साकार अब....

अधर से अधरों का मिलना
साँसों से हो सांस का,
हो सभी दुखों का मिटना
और सभी अवसाद का,
आ करें हम ऊर्जा का
एक नया संचार अब.....

चल मिलें मिलकर छुएं
हम प्रेम का चरमोत्कर्ष,
चल करें अनुभव सभी
आनंद एवं सारे हर्ष,
आ चलें हम साथ मिलकर
प्रेम के उस पार अब....

ध्यान की ऐसी समाधि
आ लगायें साथ मिल,
प्रेम की इस साधना से
ईश्वर भी जाए हिल,
आ करें ऐसा अलौकिक
प्रेम का विस्तार अब....

- VISHAAL CHARCHCHIT

Views: 2265

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on September 3, 2012 at 12:17am

भाई Arun Kumar Pandey जी अभिभूत हूँ आपकी भावपूर्ण टिप्पणी से !!!

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on September 3, 2012 at 12:15am

विन्देश्वरी भाई जी शुक्रिया !!!

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on September 3, 2012 at 12:12am

ह्रदय से आभार deepti !!!

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 2, 2012 at 7:22pm

"आ प्रिये कि प्रेम का हो एक नया श्रृंगार अब...."

ध्यान की ऐसी समाधि  आ लगायें साथ मिल,
प्रेम की इस साधना से   ईश्वर भी जाए हिल,
सुन्दर भावों की अलौकिक काव्यात्मक रचना के लिए बधाई और 
माह की सर्वश्रेष्ट रचना चयनित होने पर आपको बहुत बहुत बधाई 
स्वीकार करे भाई श्री विशाल चर्चित,मुंबई  
Comment by Shubhranshu Pandey on September 2, 2012 at 3:15pm

माह की सर्वोत्तम रचना के लिये आपको ढेरों बधाइयाँ.........


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 2, 2012 at 1:41pm

भाई विशाल चर्चितजी, आपका हृदय से स्वागत है.  सर्जना शब्द को आपने ठीक कर लिया, अच्छा किया. वस्तुतः एक और शब्द अक्षरी-दोष से प्रभावित है, और वह है - श्रृंगार.

तालव्य में व्यञ्जन संयुक्त होता है तो श्र होता है. उससे संयुक्त होता है तो शृ होता है. शृंगार का शृं तालव्य में और मात्रा अं के संयुक्त होने से बनता है. शुद्ध अक्षर शृंगार होता है न कि श्रृंगार.

प्रस्तुत रचना के साथ आप द्वारा संलग्न चित्र में शृंगार शब्द सही अक्षरी में अंकित है.

शुभ-शुभ

Comment by deepti sharma on September 2, 2012 at 12:11pm

आदरणीय विशाल जी ... बहुत सुंदर रचना .. बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ

Comment by Abhinav Arun on September 2, 2012 at 11:43am

क्या कहने सारे भाव सगुण निर्गुण , समेट लिए हैं आपने इस रचना में ! अदभुत अप्रतिम ! हार्दिक शुभकामनाएं !!

Comment by Admin on September 2, 2012 at 10:39am

आदरणीय विशाल अर्चन जी, ओ बी ओ नियम 2ग के अनुसारबाहरी लिंक देना मना है, लिंक को प्रबंधन स्तर से हटा दिया गया है, यदि पोस्ट में कोई संशोधन आपेक्षित है तो ओ बी ओ प्रबंधन से अनुरोध कर सकते है अथवा स्वयं भी एडिट कर सकते है । 

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on September 2, 2012 at 10:12am

आदरणीय Saurabh Pandey जी, आपका ह्रदय से आभारी हूँ. जी हाँ, इस प्रतिष्ठित ब्लॉग पर ये मेरी पहली रचना है, इससे पहले मैं फेसबुक एवं अपने ब्लॉग पर लिखता रहा हूँ. आप मेरी पहले कि रचनाएं वहाँ देख सकते हैं. रहा सवाल सृजना या सर्जना शब्द का तो मुझे आश्चर्य है कि मैंने फेसबुक एवं अपने ब्लॉग पर तो सर्जना ही लिखा है तो यहाँ कैसे बदल गया, जबकि मैंने तो कॉपी पेस्ट किया था.....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
17 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
19 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service