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कर देंगे वे ठीक, ग़ज़ल की कक्षा में

पाने को कुछ सीख, ग़ज़ल की कक्षा में
हम भी हुए  शरीक़, ग़ज़ल की कक्षा में

पकड़ ही लेंगे  तिलकराजजी चूकों को
बड़ी हों या बारीक, ग़ज़ल की कक्षा में

भूल-भुलैया  भूलों की  जब देखेंगे
कर देंगे  वे ठीक, ग़ज़ल की कक्षा में

ढूंढ  रहे थे कहाँ कहाँ  हम रहबर  को
मिले यहाँ नज़दीक, ग़ज़ल की कक्षा में

"अलबेला"  ने त्याग दिया टेढ़ा रस्ता
चलेंगे सीधी लीक, ग़ज़ल की  कक्षा में 

जय हिन्द !

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Comment

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Comment by Albela Khatri on June 4, 2012 at 9:38pm

shukriya rekha ji.......

Comment by Rekha Joshi on June 4, 2012 at 7:08pm

ढूंढ  रहे थे कहाँ कहाँ  हम रहबर  को 
मिले यहाँ नज़दीक, ग़ज़ल की कक्षा में Albela ji ,badhai 

Comment by chandan rai on June 4, 2012 at 5:14pm
अलबेला जी !
"अलबेला" ने त्याग दिया टेढ़ा रस्ता
चलेंगे सीधी लीक, ग़ज़ल की कक्षा में
बढिया गजल !

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 4, 2012 at 4:30pm

भगवान आपके मन की मुराद पूरी करें अलबेला भाई जी.....

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 4, 2012 at 4:28pm

आपका यह विशवास यहाँ हमेशा कायम रहेगा 

गजल हेतु बधाई .

Comment by Yogi Saraswat on June 4, 2012 at 3:39pm

ढूंढ  रहे थे कहाँ कहाँ  हम रहबर  को
मिले यहाँ नज़दीक, ग़ज़ल की कक्षा में

बढ़िया क्लास है ये ! बढ़िया और सटीक शब्द संयोजन आदरणीय श्री अलबेला जी !

Comment by Albela Khatri on June 4, 2012 at 11:31am

वाह वाह उमाशंकर  मिश्रा जी..........
आपने तो  हिम्मत बंधा दी .....
आभार

Comment by UMASHANKER MISHRA on June 4, 2012 at 11:23am

भावनाओं को समझो ऐ मेरे रहबरों

अलबेला हम खड़े, यहाँ तेरी रक्षा में

बढिया गजल बधाई आपको

Comment by Albela Khatri on June 4, 2012 at 11:01am

श्रद्धेय गणेश जी  बागी साहेब,
हज़ार हज़ार शुक्रिया आपका इस मंहगाई  में भी.........जो आपने  त्रुटियों की तरफ़ ध्यान दिलाया . एक दो तो मैंने सुधार दी ..अब बाकी आदरणीय तिलक राज जी से ही कुछ मार्ग दर्शन मिले तो मन खिले...

बहरहाल.........बड़ा ही तेज़ चैनल है ये ओ बी ओ

Comment by Albela Khatri on June 4, 2012 at 10:59am

सम्मान्य महिमा श्री जी,  आपकी सराहना मेरे लिए  प्रमाण-पत्र जैसी है
धन्यवाद

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