For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मच्छर आवाज़ उठाता है

‘सिस्टम’ ताली बजाकर मार देता है

और ‘मीडिया’ को दिखाता है भूखे मच्छर का खून

अपना खून कहकर

 

मच्छर बंदूक उठाते हैं

‘सिस्टम’ ‘मलेरिया’ ‘मलेरिया’ चिल्लाता है

और सारे घर में जहर फैला देता है

 

अंग बागी हो जाते हैं

‘सिस्टम’ सड़न पैदा होने का डर दिखालाता है

बागी अंग काटकर जला दिए जाते हैं

उनकी जगह तुरंत उग आते हैं नये अंग

 

‘सिस्टम’ के पास नहीं है खून बनाने वाली मज्जा

जिंदा रहने के लिए वो पीता है खून

जिसे हम ‘डोनेट’ करते हैं अपनी मर्जी से

 

हर बीमारी की दवा है

‘सिस्टम’ के पास

हर नया विषाणु इसके प्रतिरक्षा तंत्र को और मजबूत करता है

 

‘सिस्टम’ अजेय है

‘सिस्टम’ सारे विश्व पर राज करता है

क्योंकि ये बनाया गया था दुनिया जीतने वाली जाति के

सबसे तेज और कमीने दिमागों द्वारा

Views: 398

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 15, 2012 at 9:30pm

अश्विनी जी, सहमत हूँ आपसे, सिस्टम हमारा ही खून पीकर पल रहा है। धन्यवाद

Comment by अश्विनी कुमार on April 15, 2012 at 9:07am

धर्मेन्द्र जी सादर अभिवादन ....
हम इस सिस्टम को कितना भी कोसे लेकिन इसमे हमारा भी योगदान कुछ कम नही  है .......सादर आभार

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 15, 2012 at 8:59am

शुक्रिया प्रदीप जी

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 14, 2012 at 10:37pm

vastvikta yahi hai, badhai.

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 12, 2012 at 11:35pm

आदरणीय सौरभ जी, सतीश जी, जवाहर लाल जी एवं प्राची जी आपके स्नेह के लिए आपका दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ।

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 12, 2012 at 5:54am

आदरणीय सौरभ जी से अक्षरक्ष: सहमत हूँ ............... इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय धर्मेन्द्र जी!

बहुत ही लाजवाब!

Comment by satish mapatpuri on April 12, 2012 at 12:46am

आदरणीय सौरभ जी से अक्षरक्ष: सहमत हूँ ............... इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय धर्मेन्द्र जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 11, 2012 at 10:44pm

इस घिनौनी सिस्टम के हम ही कारण हैं.  खैर, सब कुछ कह डाला, फिर भी अनकहा रहे. 

इस सशक्त रचना हेतु हार्दिक बधाई, अभिन्न भाई धर्मेन्द्रजी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
5 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
5 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
8 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
8 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
8 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service