For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'हनुमान जयन्ती पर विशेष'

“हनुमान जयन्ती पर विशेष”

'दोहे'

 

खिली धूप धरती हँसे, शीतल चले बयार.

बजरंगी का जन्मदिन, हर्षित सब संसार..

 

चरण-शरण में हम रहें, बहे स्नेह की धार.

सृष्टि प्रदूषित जो करे, सहे गदा की मार..

 

आँखों पर चश्मा चढ़ा,  छाया भ्रष्टाचार.

मुक्ति हमें अब दीजिए, अपनायें आचार..

 

भारत माता है दुखी, आँखों में है नीर.

संकटमोचन आप हैं, हर लें उसकी पीर.

 

राम कृपा हम पर रहे, दूर रहे अभिमान.

भारत छाये विश्व में, शिवजी दें वरदान..

 

हो धर्मों में एकता, तोड़ द्वेष के डंक.

मानवता हो विश्व में, दूर रहे आतंक.. 

 

आपस में मिलकर रहें, सबको दें सम्मान.

एक सूत्र में सब बंधें, पवनपुत्र हनुमान..

 

--अम्बरीष श्रीवास्तव

Views: 3427

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MAHIMA SHREE on April 6, 2012 at 2:45pm

चरण-शरण में हम रहें, बहे स्नेह की धार.
सृष्टि प्रदूषित जो करे, सहे गदा की मार..

आदरणीय अम्बरीष जी .
नमस्कार....
हनुमान जयंती की पावन बेला पर आपकी रचना पढ़ मन आनंदित हो गया....बहुत-२ बधाई आपको ,
जय बजरंगवली.....शुभकामनाओं के साथ

Comment by satish mapatpuri on April 6, 2012 at 2:34pm

आँखों पर चश्मा चढ़ा,  छाया भ्रष्टाचार.

मुक्ति हमें अब दीजिए, अपनायें आचार..

सही बात है आदरणीय श्रीवास्तव साहेब , अब इस राष्ट्र , समाज और विश्व की नईया बजरंगबली ही पार लगा सकते हैं. सुन्दर प्रस्तुति के लिए साधुवाद ....... जय बजरंगबली

Comment by Er. Ambarish Srivastava on April 6, 2012 at 1:35pm

स्वागत है भाई संदीप जी ! इन दोहों को पसंद करने व सराहने के लिए आपका हार्दिक आभार ! आज के  भ्रष्टाचारी तंत्र  में  इस समय हनुमान जी की कृपा की अत्यधिक आवश्यकता है ! जय बजरंग बली ! :-)

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 6, 2012 at 1:23pm

जय बजरंग बली संकटमोचन बाबा की! हनुमज्जयन्ती के इस पावन अवसर पर आपके सुन्दर दोहे पढ़ कर हृदय भक्तिभाव में डूब गया| आदरणीय अम्बरीश जी मेरी ओर से इस पर्व विशेष की और इन सुगढ़ दोहों की रचना दोनों ही की बधाई स्वीकार करें|

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service