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हाइकु
*******
देकर दवा
मत देना जहर
करना दुआ

*************
बीमार मन
प्रदूषित शरीर
घायल सब
***********
दिल दर्द से
तड़पता हैं जब
होते पराये
************
ताल छूते तो
बिखेर जाती लय
सीधी सी बात
************
आँखों की भाषा
बखूबी समझते
प्रेमी-प्रेमिका
***************

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Comment

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Comment by Rita Singh 'Sarjana" on April 3, 2012 at 6:50pm

shuriya mitro ,kadam chal padi hain to manjil nishchit hain , aap sabhi ne itni achchi tarah mera swaagat kiya achcha laga shukriya bahut jald nai rachna lekar upasthit hungi.....

Comment by minu jha on April 3, 2012 at 1:25pm

सुंदर रचना,स्वागत,आपका मंच पर

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 2, 2012 at 11:18am

मंच पर आपका हार्दिक स्वागत है रीटा जी! सुंदर हाइकू के साथ आगाज़ किया आपने|

Comment by Dr Ajay Kumar Sharma on April 1, 2012 at 6:05pm
Suder rachna..badhai
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 31, 2012 at 11:17pm

AADARNIYA RITA JI, SADAR ABHIVADAN. 

SWAGAT HAI APKA IS MANCH PAR. BADHAI SUNDAR PRASTUTI HETU. 

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