For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गज़ल - फरियाद करने जा रहे हो

और किसको शाद करने जा रहे हो

क्यों  मुझे बरबाद करने जा रहे हो

 

बज्म में चर्चा मेरी बदनामियों का  

और  तुम इरशाद करने जा रहे हो

 

जो हकीकत थी सुनानी तुम उसे ही

अन- कही रूदाद करने  जा  रहे हो

 

जिस चमन में फूल नफरत के उगे हैं

तुम  उसे  आबाद करने  जा रहे हो

 

ठोकरों  से  चोट खाकर पत्थरों  के

द्वार  पर फरियाद  करने जा  रहे हो

 

 

..................................... अरुन श्री !

Views: 728

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MAHIMA SHREE on March 26, 2012 at 10:54am
फूल नफरत के उगाता है चमन वो
तुम उसे आबाद करने जा रहे हो
बहुत खूब.....नमस्कार अरुण जी सर्वप्रथम आपको मेरी बहुत -२ बधाई पुरस्कार केलिए ....
Comment by Arun Sri on March 26, 2012 at 10:50am

वीनस केसरी सर , आपकी सराहना से मन अभिभूत हुआ ! आपसे शिल्पगत बारीकियों के बारे में जानकारी की  अपेक्षा है ! सादर !

Comment by Arun Sri on March 26, 2012 at 10:49am

राजेश कुमारी मैम , सराहना के लिए धन्यवाद !

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 25, 2012 at 8:35pm

shandar bhav yukt gajal. badhai .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 25, 2012 at 7:00pm

भाई अरुण जी, आपकी इस ग़ज़ल से मन तर गया. शिल्प और कहन दोनों तरह से यह ग़ज़ल कसी हुई है.

वैसे सतत अभ्यास आपकी संप्रेषणीयता को और कस देगी, जिसका मुझे अदम्य विश्वास है. ऐसा इसलिये कह रहा हूँ कि फूल नफ़रत के उगाता है चमन वो   में वो भरती का लग रहा है. लेकिन बज़्म में चर्चा .. वाला शे’र बहुत पसंद आया है. यह शे’र मसल की तरह प्रयुक्त होगा.

बहुत-बहुत शुभकामनाएँ. आपका प्रयास यों ही निरंतर रहे.

Comment by वीनस केसरी on March 25, 2012 at 2:19pm

बेहतरीन ग़ज़ल के लिए तहे - दिल से ढेरो दाद क़ुबूल करें

यह हासिले ग़ज़ल शेर लगा ---

बज्म में चर्चा मेरी बदनामियों का  

और  तुम इरशाद करने जा रहे हो

 
वाह वाह वा


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 25, 2012 at 1:26pm

vaah vaah lajabaab ghazal Arun ji daad kabool karen.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
Saturday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Saturday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service