For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

26 बरसों से पिला रहा प्यासों को पानी

समाज सेवा की दिशा में वैसे तो कई तरह के अनुकरणीय कार्यों की बानगी आए दिन सुनने को मिलती है और उनके कार्यों से समाज के लोगों को निश्चित ही बहुत कुछ सीखने को मिलता है। ऐसी ही मिसाल कायम कर रहे हैं, जिला मुख्यालय जांजगीर से लगे नैला के श्री गोविंद सोनी। वे पिछले 26 बरसों से निःस्वार्थ ढंग से नैला रेलवे स्टेशन में गर्मी के दिनों में यात्रियों को पानी पिलाते आ रहे हैं। बरसों से जारी उनके जज्बे को देखकर हर कोई दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाता है, क्योंकि ढलती उम्र के बाद भी उनके चेहरे पर कहीं थकान नजर नहीं आती और वे पूरी उर्जा के साथ समाज सेवा में हर पल तल्लीन नजर आते हैं।

श्री सोनी ने बताया कि बचपन से ही उनके मन में समाज के उत्थान तथा नीचले तबके के लोगों के हितों की दिशा में कुछ कर गुजरने की ललक रही है। शास्त्रों में भी लिखा है कि प्यासों को पानी पिलाना पुण्य का कार्य है। स्टेशन में पानी पीने के लिए प्याउ तो होती हैं, मगर ट्रेन छूटने के डर के कारण अधिकतर यात्री पानी पीने प्याउ तक जाने जहमत नहीं उठाते और प्यासे ही गंतव्य तक चले जाते हैं। ऐसे हालात में उनकी कोशिश रहती है कि प्लेटफार्म पर ट्रेन आने के बाद ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को पानी पिला लें और इसके लिए ट्रेन आने के पहले ही तैयारी कर ली जाती हैं।
उन्होंने बताया कि जब वे 30 बरस के थे, तब वे आरएसएस के एक कार्यक्रम में शामिल होने हरियाणा गए थे। वहां उन्होंने देखा कि कैसे लोगों में सेवा भावना है। लोगों को पानी तथा भोजन निःशुल्क दिया जाता है, इस प्रेरणादायी पल को देखने के बाद उनके मन में विचार आया कि क्यों न, लोगों के सूखे कंठों की प्यास बुझाने के काम में लगा जाए। श्री सोनी ने बताया कि गर्मी के तीन महीने वे नैला स्टेशन में पानी पिलाने का कार्य करते हैं, इस दौरान जब टेªेनों का आना नहीं होता, उस समय नैला के ही बस स्टैण्ड में यात्रियों को पानी पिलाया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि स्टेशन में चार प्लेटफार्म हैं और उन्हें प्लेटफार्म नं. 4 में ज्यादा दिक्कतें होती हैं, क्योंकि वहां न तो रेलवे का प्याउ है और न ही, कोई हैण्डपंप। लिहाजा पास के मोहल्ले के हैण्डपंप से पानी लाना पड़ता है। हालांकि इस बात का उन्हें कोई मलाल नहीं रहता। उनका कहना है कि प्यासे यात्रियों को पानी पिलाने से उन्हें आत्मीय खुशी होती है और थकान को कहीं कोई आभाष नहीं होता। वे स्टेशन में मटका भी लाकर रखते हैं और दो बाल्टी के माध्यम से यात्रियों को पानी पिलाने में पूरे समय लगे रहते हैं। प्यासों को पानी पिलाने के यज्ञ में उन्हें परिवार के लोगों का भी पूरा सहयोग मिलता है। श्री सोनी ने बताया कि परिवार के लोगों ने कभी नहीं टोका, बल्कि उनके बेटों ने कई बार स्टेशन पहुंचकर उनका हाथ भी बंटाया। उनकी पत्नी श्रीमती मीरा सोनी भी चाहती है, वह स्टेशन जाकर लोगों को पानी पिलाए, जिससे उन्हें भी पुण्य का लाभ मिले। हालांकि वे अब तक अपने पति के अनुकरणीय कार्यों में सीधे तौर पर हाथ नहीं बंटा सकी हैं, मगर श्री सोनी के मनोबल को बढ़ाने में उनका योगदान होता है।


शिक्षा दान में भी पीछे नहीं
रेलवे स्टेशन में यात्रियों को पानी पिलाने के अलावा श्री गोविंद सोनी शिक्षा दान करने में भी पीछे नहीं है। गर्मी खत्म होते ही शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद वे सरस्वती शिशु मंदिर समेत आसपास मोहल्लों के सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाते भी हैं। इस तरह की परिपाटी बरसों से चली आ रही है, यह सब कार्य उनकी दिनचर्या में ही शामिल हो गया है।


...बात निकली तो दूर तलक जाएगी
यात्रियों को पानी पिलाकर मिसाल बने श्री सोनी के उल्लेखनीय कार्यों का प्रभाव भी लोगों के जेहन पड़ा है। इन 26 बरसों में अनेक लोगों ने उनके साथ जाकर यात्रियों को पानी पिलाने का कार्य किए हैं, हालांकि वे अपना यह यज्ञ अनवरत जारी नहीं रख सके। इस बरस नैला के रामावतार अग्रवाल ने भी श्री सोनी के साथ पानी पिलाने का बीड़ा उठाया। उनका कहना है कि वे कई बरसों से देखते आ रहे हैं कि श्री सोनी किस तरह तकलीफ झेलकर भी लोगों की सेवा करते आ रहे हैं। यही बात उन्हें भी स्टेशन तक खींच लाई और वे भी उनके साथ मिलकर यात्रियों की प्यास बुझाने में सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें आत्मसंतुष्टि मिलती है। साथ ही मन को तसल्ली भी है कि जीवन में आएं हैं तो कुछ तो समाज के लिए कर पा रहे हैं।


शास्त्री जी हैं प्रेरणास्त्रोत
श्री सोनी के प्रेरणास्त्रोत पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री हैं। उनके कार्यों से इतने प्रभावित हैं कि वे हर दिन अपने घर में भगवान की तरह उनकी पूजा करते हैं। स्व. शास्त्री की तस्वीर अपने घर के कमरे में लगाकर रखे हुए हैं, जहां बरसों से उनकी पूजा की परिपाटी चली आ रही है। श्री सोनी का कहना है कि जब शास्त्री जी प्रधानमंत्री थे, उस दौरान उन्होंने देश में अनाज की बढ़ती किल्लत को देखते हुए अवाम को हफ्ते में एक दिन उपवास करने का आह्वान किया था, जिसके कारण अनाज की समस्या उस दौरान खत्म हो गई। यही बात श्री सोनी को प्रभावित कर गई और वे उनके अनुयायी बन गए।

राजकुमार साहू, जांजगीर छत्तीसगढ़

Views: 313

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rash Bihari Ravi on June 12, 2011 at 4:07pm
श्री गोविंद सोनी ji dwara kiya gaya karay sarahaniye hain

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)

1222 1222 122-------------------------------जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी मेंवो फ़्यूचर खोजता है लॉटरी…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सच-झूठ

दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठअभिव्यक्ति सच की लगे, जैसे नंगा तार ।सफल वही जो झूठ का, करता है व्यापार…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

बालगीत : मिथिलेश वामनकर

बुआ का रिबनबुआ बांधे रिबन गुलाबीलगता वही अकल की चाबीरिबन बुआ ने बांधी कालीकरती बालों की रखवालीरिबन…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय सुशील सरना जी, बहुत बढ़िया दोहावली। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर रिश्तों के प्रसून…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
Sunday
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service