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मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

मैंने ही जन्मे, मर्यादा पुरषोतम राम,
रास-लीला रचाने घनश्याम,

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

मैंने ही जन्में, वीर सपूत,
फिर भी खोज रही अपना अस्तित्व,

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

मैंने ही बेटी बन,घर आँगन सजाया,
बाबुल- की बिटिया बन मन हर्षाया,

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

मैंने ही अपने, यौवन से,
माँ -बापू को पराया -धन हूँ विदा होने का वक़्त बताया,

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

मैंने ही, पिया -घर महकाया,
अपना ससुराल संभाला और चहकाया,

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

मैंने ही माँ बन,ममता के आँचल में,
शिशु की कोमल बाहों को सिमटाया,

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

मैंने ही सीता बन, अग्निपरीक्षा देकर,
दुनिया को संयम का पाठ पढ़ाया,

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

मैंने ही कभी, कोमल अम्बे माँ से,
क्रोध के अवरूध्द हो असुरों का नाश कर डाला,

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

मैंने ही लक्ष्मी -बाई बन,स्त्रियों को संघर्ष सिखाया,
तो कभी जिजाबाई बन स्व -रक्षा का जज़्बा जगाया,

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

हर रूप में ,शक्ति बिन अधूरा है ज्ञान और विज्ञान,
नारी ही है शक्ति का संधान....

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

आज जो देश है, हमारा पुरुष -प्रधान,
न बनती स्त्री उसके आधीन तो कहाँ से होता वो प्रधान,

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान............
  • दीपिका 

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Comment by Deepika Mandal on May 25, 2013 at 10:33pm

Vijay Nikore:@@@ Dhanyavaad sir....

Comment by vijay nikore on March 18, 2013 at 11:09am

नारी पर सुन्दर कविता के लिए बधाई।

 

विजय निकोर

Comment by Deepika Mandal on March 17, 2013 at 10:22pm

Yogi Saraswat:@@@ Dhanyvaad sir....aur yahi to samjhaanaa hai sabko ki naari abla nahi sabla hai....

Comment by Yogi Saraswat on March 15, 2013 at 11:52am

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

मैंने ही लक्ष्मी -बाई बन,स्त्रियों को संघर्ष सिखाया,


तो कभी जिजाबाई बन स्व -रक्षा का जज़्बा जगाया,

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

हर रूप में ,शक्ति बिन अधूरा है ज्ञान और विज्ञान,
नारी ही है शक्ति का संधान....

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान,

बहुत सही शब्द लिखे हैं आपने , जो नारी सर्वशक्तिमान है , जो नारी महापुरुषों को जन्म देती है उसी नारी को अबला की संज्ञा क्यूँ ?

Comment by Deepika Mandal on March 14, 2013 at 10:21pm

Dr.Ajay Khare:@@@ Bilkul satya kaha apne sir....bohot bohot dhanyavaad sir....

Comment by Deepika Mandal on March 14, 2013 at 10:17pm

Dr.Prachi Singh:@@@ Shukriya Prachi mam.....

Comment by Deepika Mandal on March 14, 2013 at 10:15pm

Kewal Prasad:@@@ Bohot-bohot dhanyavaad Kewal sir ji.........

Comment by Dr.Ajay Khare on March 14, 2013 at 3:09pm

nari nahi hai abla ban gai hai bo sabla .jo samjhega inko abla bo bahut bada pagla . badhai sunder rachana keliye


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 14, 2013 at 11:36am

हर रूप में ,शक्ति बिन अधूरा है ज्ञान और विज्ञान,
नारी ही है शक्ति का संधान...................................सुन्दर, बहुत खूब 

मैं नारी....
हूँ सशक्तिकरण की पहचान

सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बधाई दीपिका जी 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 14, 2013 at 11:13am

आदरणीया दीपिका मण्डल जी, मैं नारी.....हूँसशक्तिकरण की पहचान.. का बेहतरीन चित्रण बहुत बहुत शुभकामनाएं

कृपया ध्यान दे...

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