For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जब वो आते धूम मचाते

मन अंतर पर वो छा जाते

खुशियों के लाते उपहार,

क्या सखी साजन? नहीं त्यौहार.

 

 

रंग गेहुआ कड़कदार वो

बच्चों बूढों सबका यार वो

भटके, फिर भी वो गली गली

क्या सखी साजन? नहीं मूंगफली.

 

 

घुले हवा जब उसकी खुशबू

रहे नहीं तब मन पर काबू

दिल पर छाए उसका जलवा

क्या सखी साजन? नहीं सखी हलवा.

Views: 750

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 25, 2012 at 5:55pm

कह मुकरियों को पसंद करने हेतु आभार आदरणीय प्रदीप जी 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on November 25, 2012 at 4:51pm

मूंगफली हलवा और त्यौहार 

आपस में सबका व्यवहार 

बधाई 

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on November 12, 2012 at 9:19am

रोचक और मजेदार कह मुकरियाँ के लिए आदरणीया प्राची दीदी को हार्दिक बधाई


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 9, 2012 at 8:39am

हार्दिक आभार आ. नादिर खान जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 9, 2012 at 8:38am

हार्दिक आभार आदरणीया विनीता शुक्ला जी 

Comment by नादिर ख़ान on November 9, 2012 at 12:45am

सुंदर रचना अदरणीय प्राची जी तथा कह-मुकरी के बारे में लाभकारी जानकारी के लिए बहुत धन्यवाद ।

Comment by Vinita Shukla on November 8, 2012 at 5:00am

बहुत खूब डॉ. प्राची जी. रोचक एवं अद्भुत रचना.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 7, 2012 at 6:56pm

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी 

यह कहमुकरिया आपको रुचिकर लगीं, इस अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार. सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 7, 2012 at 6:32pm

कह-मुकरी के आलोक में सटीक कथ्य बन पड़ा है, डॉ. प्राची. मानिये कि  कह-मुकरी का मान्य-भाव निखर-उभर आया है. हार्दिक बधाई स्वीकार करें.

सादर

Comment by राजेश 'मृदु' on November 7, 2012 at 6:08pm

मुकरियां के शिल्‍प पर जानकारी देने के लिए आभार इसे अपने वॉल पर सहेज रहा हूं कभी कोशिश करूंगा

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
3 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
3 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service