For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

namita sunder
Share on Facebook MySpace
  • Feature Blog Posts
  • Discussions (9)
  • Events
  • Groups
  • Photos
  • Photo Albums
  • Videos
 

namita sunder's Page

Latest Activity

namita sunder commented on TEJ VEER SINGH's blog post अपराध बोध - लघुकथा -
"सच है, इसी बोध को बदलने की आवश्यकता है ।जब अपराध नहीं तो बोध क्यों."
Jun 5, 2020
namita sunder replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-62 (विषय: मर्यादा)
"कैसे- कैसे स्वार्थ और उन्हें सिद्ध करने के कैसे- कैसे तरीके। आसान नहीं होता आदमी को समझना। अपनों के दंश से आहत मन की व्यथा को अच्छे से मुखर किया है। बधाई। नमिता"
May 30, 2020
namita sunder replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-62 (विषय: मर्यादा)
"बेहतरीन कथानक। मर्यादा को एक नए ढंग से संप्रेषित किया है, आपने। हमारी सोच को भी नई दिशा मिली।"
May 30, 2020
namita sunder replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-62 (विषय: मर्यादा)
"बहुत बहुत आभार, गोपाल जी। आपकी प्रतिक्रिया बहुत मायने रखती है। नमिता"
May 30, 2020
namita sunder replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-62 (विषय: मर्यादा)
"आभार, तेज वीर सिंह जी, आपने बिल्कुल सही कहा, लघु कथा लिखना अभी सीक रहे हैं। लम्बी कहानियां तो लिखी हैं पर कम शब्दों में कुछ कह पाना हमारे लिए खासा मुशकिल काम है। उत्साह वर्धन हेतु बहुत आभार। नमिता"
May 30, 2020
namita sunder replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-62 (विषय: मर्यादा)
"मर्यादा ''ये कौन सा समय हैऑफिस से घर लौटने का? शिशिर कब का घर आ चुका है, इस घर की मर्यादा का कुछ तो ख्याल रखो।" दरवाजा खोलते हुए सुनन्दा  के विधुर जेठ ने ऊंची आवाज में कहा । अपनी बेधती नजरें उन पर टिका सुनन्दा बोली, "मर्यादा…"
May 30, 2020
namita sunder replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-62 (विषय: मर्यादा)
"संवेदनशील प्रस्तुति। भीड़ की मनोदशा अभिव्यक्त करते वाक्य अच्छे बन पड़े हैं। भीड़ के रूप मे हम मौखिक संवेदना व्यक्त करने में माहिर होते हैं।"
May 30, 2020
namita sunder commented on Er. Ganesh Jee "Bagi"'s blog post लघुकथा : सब्जीवाला (गणेश जी बाग़ी)
"बढ़िया कटाक्ष....दुकानें सबकी चल रहीं हैं। सम्मानित करने वालों की भी और सम्मानित होने वालों की भी।"
Mar 6, 2020
namita sunder replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-111
"बहुत अच्छी प्रस्तुति अंत ही चिरंतन सत्य है।"
Jan 11, 2020
namita sunder replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-109
"आभार , आदरणीय सुरेन्द्र नाथ जी।"
Nov 10, 2019
namita sunder replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-109
"अपने दिल से तुम्हारे दिल तक इस दिल से उस दिल तक खींच देना चाहती हूं इक सतरंगा पुल जिसमें सबसे चटक हो रंग प्रेम का। मौलिक एवं अप्रकाशित"
Nov 10, 2019
namita sunder updated their profile
Nov 9, 2019
namita sunder is now a member of Open Books Online
Oct 29, 2019

Profile Information

Gender
Female
City State
Lucknow
Native Place
uttar pradesh
Profession
retired banker
About me
enjoy reading and writing

अपने दिल से तुम्हारे दिल तक

इस दिल से उस दिल तक

खींच देना चाहती हूं

इक सतरंगा पुल

जिसमें सबसे चटक हो रंग

प्रेम का।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ अड़सठवाँ आयोजन है।.…See More
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"अश्रु का नेपथ्य में सत्कार भी करते रहेवाह वाह वाह ... इस मिसरे से बाहर निकल पाऊं तो ग़ज़ल पर टिप्पणी…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं

.सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं  जहाँ मक़ाम है मेरा वहाँ नहीं हूँ मैं. . ये और बात कि कल जैसी…See More
8 hours ago
Ravi Shukla posted a blog post

तरही ग़ज़ल

2122 2122 2122 212 मित्रवत प्रत्यक्ष सदव्यवहार भी करते रहेपीठ पीछे लोग मेरे वार भी करते रहेवो ग़लत…See More
8 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागा अर्थ प्रेम का है इस जग में आँसू और जुदाई आह बुरा हो कृष्ण…See More
8 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय नीलेश जी "समझ कम" ऐसा न कहें आप से साहित्यकारों से सदैव ही कुछ न कुछ सीखने को मिल…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय गिरिराज जी सदैव आपके स्नेह और उत्साहवर्धन को पाकर मन प्रसन्न होता है। आप बड़ो से मैं पूर्णतया…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना की विस्तृत समीक्षा के लिए आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार व्यक्त करता हूँ।…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. बृजेश जी मुझे गीतों की समझ कम है इसलिए मेरी टिप्पणी को अन्यथा न लीजियेगा.कृष्ण से पहले भी…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. रवि जी ,मिसरा यूँ पढ़ें .सुन ऐ रावण! तेरा बचना है मुश्किल.. अलिफ़ वस्ल से काम हो…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. रवि जी,ग़ज़ल तक आने और उत्साह वर्धन का धन्यवाद ..ऐ पर आपसे सहमत हूँ ..कुछ सोचता हूँ…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service