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Tilak Raj Kapoor's Discussions (1,983)

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"जिसे फ़रेब मिला उम्र भर ज़माने से।वो शख़्स आज भी करता है एतबार की बात। वाह, बहुत खूब। "

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूब कहा, वाह। "

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"व्‍यवहारिक रूप से ऐसी स्थिति में समर साहब का ग़ज़ल पोस्‍ट कर देना भी कम नहीं। ईश्‍वर…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आपको पहली बार पढ़ रहा हूँ। लगा है जब से ये फागुन चली धमार की बात,दिलों में छाई है हो…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"मत्‍ले के शेर को एक बार फिर देखना ज़रूरी है, राब्‍ता स्‍पष्‍ट नहीं है। इसी प्रकार चौ…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"मत्‍ले का शेर कुछ सरल हो जाता अगर है प्यार, न करिये कभी करार की बात नहीं तो छोड़ दें,…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ग़ज़ल अच्‍छी हुई। दूसरे शेर मे हसीं से  की जगह हसीन रखना सरल होता।"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूब हुई ग़ज़ल।  ''लगाई बाज़ी मुहब्बत की हम ने जैसे ही'' में प्रवाह बेहतर होता। "

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आपकी ग़ज़लों में मुख्‍य समस्‍या हिन्‍दी व्‍याकरण से दूरी की रहती है जिसमें मुझे कोई…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"किस्‍सागोई के अंदाज़ में मत्‍ला बहुत खूबसूरती से बँधा है। दूसरा शेर की प्रथम पंक्ति…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

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