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"ये मौसमों के हँसी (हसीं) क़िस्से, ये बहार की बातजहाँ है वो, वहीं हूँ मैं, वहीं है प्य…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूबसूरत हुई ग़ज़ल। वाह। "

Tilak Raj Kapoor replied Feb 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वो जख्मों को/ जो हरा कर/ते हैं बता/दो उन्हें (भी गिरेगा नहीं),किया नहीं वो कभी करते…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूब। वाह। "

Tilak Raj Kapoor replied Feb 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"नहीं किया कभी तौबा शराबे इश्क से उसने     कबूल खुद किया है ये कभी कभार की बात में आप…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"नीलेश भाई, मूल शेर से जो ध्‍वनित हो रहा है वह यह है कि शायर जहॉं-जहॉं जाकर बैठा उसे…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आप सही हैं, प्रस्‍तावित रूप बेहतर है। आभार। "

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"उम्‍दा ग़ज़ल हुई भाई।  वाह। "

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"जिसे फ़रेब मिला उम्र भर ज़माने से।वो शख़्स आज भी करता है एतबार की बात। वाह, बहुत खूब। "

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूब कहा, वाह। "

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

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