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Anupama's Discussions (223)

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"सुखों को बाँटनेवाला , सही में है वहीं इन्सां पराये दर्द को अपने कलेजे से लगाता है ..…"

Anupama replied Nov 21, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
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"sundar bhaav!"

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574 Nov 24, 2010
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"waah!"

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574 Nov 24, 2010
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"sundar!"

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574 Nov 24, 2010
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"हमीं में से कोई जब नेकी का ईनाम!!!!! पाता है| हवा करती है सरगोशी बदन ये काँप जाता है…"

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574 Nov 24, 2010
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"acchi rachna!"

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574 Nov 24, 2010
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"sundar!"

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574 Nov 24, 2010
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"भले घर में दुबक जाओ मगर ना भूलना उसको खड़ा सरहद पे जो दिन रात फिर भी मुस्कुराता है hr…"

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574 Nov 24, 2010
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"बनाता है मिटाता है मिटा कर फिर बनाता है मुक़द्दर रोज़ ही मुझ को नई बातें सिखाता है s…"

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574 Nov 24, 2010
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"बर्फ की चादर बिछी है फैली हुई राहों में हवा करती है सरगोशी बदन ये कांप जाता है! मौस…"

Anupama replied Nov 21, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
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