For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर अभिवादन ।
 
पिछले 53 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलमआज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-54

विषय - "व्यवहार" 

आयोजन की अवधि- 10 अप्रैल 2015 (शुक्रवार) से 11अप्रैल (शनिवार) की समाप्ति तक (यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)

 
बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए.आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --

 

तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)

अति आवश्यक सूचना :- 

  • सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान जितनी चाहें रचनाएँ पोस्ट कर सकते हैं। 
  •  रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें.
  • रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं.
  • प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.


सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है. 

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं. 

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.   

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 10अप्रैल 2015, दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा) 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.

महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
 

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें
मंच संचालिका 
डॉo प्राची सिंह 
(सदस्य प्रबंधन टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

Views: 12751

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

हमारे और दुख के बीच आकर बैठ जाओ तुम

करो मजबूत इक दीवार-सा व्यवहार भैयाजी---ग़ज़ब 

 

मनुजता तब सफल होगी कि जिस दिन सीख जायेंगे

सभी से दोसती इकरार-सा व्यवहार भैयाजी----शानदार नसीहत भरा सन्देश 

 वाह  वाह  भैया जी ,आपने तो कमाल कर दिया प्रदत्त विषय को सार्थक करती खूबसूरत ग़ज़ल ..अतिसुन्दर  हार्दिक बधाई आपको 

आदरणीया राजेश दीदी प्रयास आपको पसंद आया, लिखना सार्थक हुआ, स्नेह और सराहना के लिए हार्दिक आभार नमन 

व्वाआअह्ह्ह वाह ... बहुत ही खूबसूरत रचना हुई है आदरणीय 

हर युग्म में एक ज़बरदस्त कहन है ... "एक मजबूत दीवार सा व्यवहार भैयाजी" क्या बात है 

हमारे दो नयन लाचार अपनी आदतों से हैं

कि इनका तो नदी की धार-सा व्यवहार भैयाजी ---- क्या कहने 

सुनो मिथिलेश छोड़ो मत करो उम्मीद कोई भी

करेंगे अब न पानीदार-सा व्यवहार भैयाजी

बहुत ही खूबसूरत शब्द चयन और लयबद्ध रचना हुई है 

आदरणीया निधि जी, सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार 

आदरणीय मिथिलेश भाई,

अभावों के बाद भी जीवन बहुत सुंदर है और सब का हो सकता है परंतु कुछ भैयाजी किस्म के लोग ही जीना दुश्वार कर देते हैं ।

इस रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें।  

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव सर सही कहा आपने, रचना के मर्म पर सार्थक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार 

मनुजता तब सफल होगी कि जिस दिन सीख जायेंगे

सभी से दोसती इकरार-सा व्यवहार भैयाजी

हर पंक्ति एक से बढ़कर एक कहूं क्या दो और दो चार भैया जी! सादर आदरणीय मिथिलेश जी

आदरणीय जवाहर लाल सिंह जी,

रचना पर आपकी सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार,

हार्दिक धन्यवाद  

 वाह मिथलेश भैय्या जी

यह शिकस्ते नारवां क्या है कृपया ज्ञान वर्धन करे  . सादर .

आदरणीय गोपाल सर,

हर रुक्न एक नए लफ्ज़ से शुरू होना चाहिए और किसी लफ्ज़ के मुकम्मल होने पर रुक्न समाप्त होना चाहिए  

यदि  ऐसा नही हो तो उसे  ऐब-ए-शिकस्ते नारवा कहते हैं 

मेरी ग़ज़ल की बह्र के रुक्न है-

मुफाईलुन - मुफाईलुन - मुफाईलुन - मुफाईलुन 

    1222----1222------1222--------1222

ये बह्र बराबर दो भागो में विभाजित है यानी---

1222--1222 /यहाँ पहले भाग का लफ्ज़ समाप्त होना चाहिए / 1222--1222

करेंगे अब न पानीदार-सा व्यवहार भैयाजी-----  इस मिसरे में 

करेंगे अब(1222)  न पानीदा (1222) र-सा व्यवहा (1222) र भैयाजी(1222)

बह्र में र-सा में बह्र के  पहले भाग का र दुसरे भाग के रुक्न की सम्पूर्ति हेतु आगे भाग गया यानि लफ्ज़ पानीदार बीच से बंट गया पानीदा -र सा व्यवहा---- ये  ऐब-ए-शिकस्ते नारवा हैं 

बह्र अनुसार दोषमुक्त सही मिसरा होगा - करेंगे अब न पानी-सा // कभी व्यवहार भैयाजी (केवल उदाहरण हेतु)

संभवतः मैं अपनी बात स्पष्ट कर पाया हूँ. सादर 

आदरणीय गोपाल नारायण सर, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा है. सादर 

आ० मिथिलेश जी

मैं समझ गया प्रिय  ! बहुत बेहतर समझाया आपने . अबकी तरही मुशायरे  में मेरे काम आयेगा .  सादर .

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
42 minutes ago
Samar kabeer commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"भाई रामबली गुप्ता जी आदाब, बहुत अच्छे कुण्डलिया छंद लिखे आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।"
5 hours ago
AMAN SINHA posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . विविध

दोहा पंचक. . . विविधदेख उजाला भोर का, डर कर भागी रात । कहीं उजागर रात की, हो ना जाए बात ।।गुलदानों…See More
yesterday
रामबली गुप्ता posted a blog post

कुंडलिया छंद

सामाजिक संदर्भ हों, कुछ हों लोकाचार। लेखन को इनके बिना, मिले नहीं आधार।। मिले नहीं आधार, सत्य के…See More
Tuesday
Yatharth Vishnu updated their profile
Monday
Sushil Sarna commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"वाह आदरणीय जी बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल बनी है ।दिल से मुबारकबाद कबूल फरमाएं सर ।"
Nov 8
Mamta gupta commented on Mamta gupta's blog post ग़ज़ल
"जी सर आपकी बेहतरीन इस्लाह के लिए शुक्रिया 🙏 🌺  सुधार की कोशिश करती हूँ "
Nov 7
Samar kabeer commented on Mamta gupta's blog post ग़ज़ल
"मुहतरमा ममता गुप्ता जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें । 'जज़्बात के शोलों को…"
Nov 6
Samar kabeer commented on सालिक गणवीर's blog post ग़ज़ल ..और कितना बता दे टालूँ मैं...
"जनाब सालिक गणवीर जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें । मतले के सानी में…"
Nov 6
रामबली गुप्ता commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आहा क्या कहने। बहुत ही सुंदर ग़ज़ल हुई है आदरणीय। हार्दिक बधाई स्वीकारें।"
Nov 4
Samar kabeer commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"जनाब सौरभ पाण्डेय जी आदाब, बहुत समय बाद आपकी ग़ज़ल ओबीओ पर पढ़ने को मिली, बहुत च्छी ग़ज़ल कही आपने, इस…"
Nov 2

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service