For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा ,
न सार के जरुरत बा न बिचार के जरुरत बा ,
कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा ,

सोच होखे समझ होखे एपर केहू ध्यान ना दी ,
चटक मटक लिखी समाज के कुछ ज्ञान ना दी ,
पाहिले लोग खोजत बा कुछ खुला कुछ कसाव ,
समाज और संसकृति से ना होखे कवनो लगाव ,
बस मन बहलावे वाला सब्दन के जरुरत बा ,
कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा ,

अब रामायण के बात सुनावे खातिर करीले ,
हर कोई से बिनती की चल आइहा साम के ,
बिना बोलावल आवत बा लोग सुने खातिर ,
हर साम के बार में मन लागल बा जाम में ,
इ लगत बा लोग के बेवहार के जरुरत बा ,
कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा ,

गाव में अब चौपाल तक खाली रहत बा ,
देखि दारू के भट्टी पर जमघट लागल बा ,
इहा एहसास मर गइल बा साथ बनल बा ,
अपना पर ना लोग पर बिस्वास बनल बा ,
लोग कहत बा इनके समझ के जरुरत बा ,
कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा ,

जे आज देश चलावत बा उ नोट बानावत बा ,
माई भारती के ना, अपने बारे में सोचत बा ,
जहा पावत बा ओहिजा लुटात बा खसोटत बा ,
जेतना पैसा हो जाव आउर बढ़ावे में जुटल बा ,
अइसन खातिर आज कालापानी के जरुरत बा ,
कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा ,

मास्टर जी पढावे खातिर स्कुल में आइलन ,
हाजिरी बना के खेत में काम करे गइलन ,
अइसन काहे होत बा इ सोचे के जरुरत बा ,
घर के लगे बारन तबे नु बनत महूरत बा ,
अइसन लोग के जिला ख़ारिज के जरुरत बा ,
कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा ,

इहो बिगरले इनका के लोग भगवन काहे ला ,
अब पैसा के बिना इनकर ईमान ना चलेला ,
केहू मरे चाहे जिए इनके पाईसा पाहिले दिहा ,
नाही उठ्ठे बेग इनकर नाही आला चलेला ,
चाहे केहू मरे इनके पाईसा के जरुरत बा ,
कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा ,

Views: 632

Replies to This Discussion

गाव में अब चौपाल तक खाली रहत बा ,
देखि दारू के भट्टी पर जमघट लागल बा ,
इहा एहसास मर गइल बा साथ बनल बा ,
अपना पर ना लोग पर बिस्वास बनल बा ,
लोग कहत बा इनके समझ के जरुरत बा ,
कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा ,

गुरु जी "भोजपुरी साहित्य" ग्रुप मे के पहिला कविता के बहुत बहुत स्वागत बा, आ हम बहुत गर्व से कह सकत बानी की धुवाधार आ गर्दा मचावे वाला कविता से रौवा सुरुवात कर दिहले बानी, वईसे राउर कवनो कविता कम न होला पर ई कविता के कवनो सानी नइखे , ई कविता के सब पैरा एक से बढ़कर एक बा, बहुत ही खुबसूरत कविता बनल बा, आ कविता के हर पैरा कुछ ना कुछ सन्देश छोड़ जात बा , बहुत बहुत धन्यबाद,

अंत मे दुगो लाइन कहल चाहत बानी..............

धन ना दौलत नीमन विचार के जरूरत बा,
कविता खातिर रवि कुमार गिरी जैसन यार के जरूरत बा ,
dhanyabad

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
4 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service