For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बिसरि गेलहुं गामक ओ धरती,
बिसरल कलमी आमक गाछी,
सींग टुटलकी गैया बिसरल
दूध पिबैत ओ करकी बाछी,
बिसरल नाच, विदेशिया नाटक,
आसिन मासक दुर्गा मेला
बिसरल गामक संगी साथी
खेलैत रही जेकरा संग खेला,

बिसरि गेलहुं धानक ओ रोपनी,
आरो बिसरल गंहुमक दौनी,
मकई, जनेरा, राहरि, तीसी,
बिसरल सामा,चीना, कौनी,

बिसरि गेलहुं बाबू केर गुस्सा
बिसरल मम्मी केर दुलार,
बिसरि गेलहुं घूरा तर बैठक,
जखन लगई छल हमरा जाड,

ऋतु बसंत केर शोभा बिसरल
बिसरि गेलहुं गर्मी बरसात,
जहिया सं परदेशी भेलहुँ,
सभटा बिसरल गामक बात,

मनोज कुमार झा "प्रलयंकर

Views: 682

Replies to This Discussion

बिसरि गेलहुं धानक ओ रोपनी,
आरो बिसरल गंहुमक दौनी,
मकई, जनेरा, राहरि, तीसी,
बिसरल सामा,चीना, कौनी,

बहुत ही सुंदर काव्य की प्रस्तुति, इस कविता के माध्यम से आप मुझे एक बार फिर मिथिला घुमा दिये ,बधाई हो मनोज भईया,
भाई मनोजजी प्रलंकर, सप्रम नमस्कार.
अहाँ सँऽ गप्प करू हम ई भाव टा हुलैस क आएब रहल अछि अहाँ कऽ रचना पइढ़ क.
हम कोना बिसैर सकइ छी दोनारक ऊ मजमा, टावर चौकक बजार, बेलाकऽ बाग-बगीचा आ लहेरियासराय सँऽ नाका 5 आ 6 होएत.. सैकिलक घंटी टुनटुनैत.. उमा सिनेमा सँऽ आगू बढ़नाय? कोना बिसैर सकइ छी हम गाम-गाम मे स्थापित मन्दिर? लोकैक अपनापन?

मिथिलाक ओज.. मिथिला कऽ शान..
पइग-पइग पोखर, माछ-मखान
भीजल चुइन आ भीजल कसैली
नीक जकाँ कत्था, भँगिया पान.. .
टटका दधि, कतरनी चूरा
जाड़ सँ कुनमुनैत ओड़ैत घूरा
नीक जकाँ रान्हल तीतल भात
बेसनक बजका तिलकोरइक पात..
कोना ई भूलब, की बिसैर सकैछी?

-- सौरभ
नमस्ते..
अहाँ क गप्प सुइन के जेना पीराएत नस पऽ आँङुर टा धरा गेल.
आज सँ लगभग 25-26 बरस पहिलें हमर दरभंगा में निवास छल... कुल तीन बरस लेल.
परिवारक लोक अहाँ बुझते होएब जे मिथिला भाषाभाषी नै छल, किन्तु हमरा सभक मिथिला भाषा खूब नीक लागै. आय देखू हम मुम्बई, चेन्नै.. हैदराबाद आदि-आदि स्थानसँ घुरि क इलाहाबाद में बसल छी, किन्तु मैथिलीक मिठास कतबो कम जे हुए से नै अछि.
जे लिखनाइ में भाषा दोष हुवै तऽ अहाँ सँऽ अपेक्षा अछि जे अगाह करब.

धन्यवाद.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं टंकण त्रुटि…"
4 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169
"अधूरे ख्वाब (दोहा अष्टक) -------------------------------- रहें अधूरे ख्वाब क्यों, उन्नत अब…"
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169
"निर्धन या धनवान हो, इच्छा सबकी अनंत है | जब तक साँसें चल रहीं, होता इसका न अंत है||   हरदिन…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छी कुंडलियाँ हुई हैं। हार्दिक बधाई।  दुर्वयस्न को दुर्व्यसन…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर रोला छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
Thursday
Sushil Sarna posted blog posts
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service