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मेरे ख्वाबों कि कोई बात अगर हो जाये

२१२     २११    २२१    १२२   २२ 

 

चांदनी रात में बरसात अगर हो जाये

मेरे ख्वाबों कि कोई बात अगर हो जाये

 

यार मेरे तू ज़माने से सदा ही बचना

इक  हसीं  गुल से मुलाकात अगर हो जाये

 

काश! सहरा हो नजर जब भी बने दिल दुल्हा

यूं भी अरमानो कि बारात अगर हो जाये

 

आये हर सिम्त से बस यार महक जूही की  

काश धरती पे ये हालात अगर हो जाये

 

तन ये साँसों से तपे हौले से शब् भर मेरा

काश ऐसी भी कभी रात अगर हो जाये 

मौलिक व अप्रकाशित 

डॉ आशुतोष मिश्र 

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प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 27, 2014 at 11:22am

बढ़िया ग़ज़ल हुई है डॉ आशुतोष मिश्रा जी। बहुत खूब.

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 25, 2014 at 3:21pm

आदरणीय नरेन्द्र जी ..हौसला अफजाई के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 25, 2014 at 3:20pm

आदरणीया  प्राची जी ..मैं आपके मशविरे पर जरूर अमल करूंगा / यह मेरी बहुत ही पुरनी ग़ज़ल है / कई बार पढ़ा पर इस कमी पर धयन न दे सका ., मेरी सोच को एक नयी दिशा देने के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 25, 2014 at 3:18pm

आदरणीय विजय सर ...हौसला अफजाई के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 25, 2014 at 3:17pm

आदरणीय गिरिराज भाईसाब ..आज कल बहुत काम आफिस में हो गया है ..बहुत कम समय निकल पा रहा है . आजकल सिर्फ रचनाएँ पढने में ज्यादा समय बीत रहा है ..लिखने का अवसर ही नहीं मिल रहा है ..प्रस्तुत रचना पर आपकी उत्साह्वार्दः प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद .सादर प्रणाम के साथ 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 25, 2014 at 3:16pm

आदरणीय बागी सर ..आपके इस मशविरे पर मैं अवश्य अमल करूंगा / आपकी बात से मैं पूरी तरह सहमत हूँ ..आपका मार्गदर्शन बस यूं ही मिलता रहे ऐसी कमाना के साथ सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 25, 2014 at 3:13pm

आदरणीय लक्ष्मण जी ..मेरी सलाह आपको पसंद आयी ..आपका तहे दिल शुक्रिया सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 25, 2014 at 3:13pm

आदरणीय गोपाल सर . रचना पर आपकी उत्साहित करती प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 25, 2014 at 3:12pm

आदरणीय विजय सर .. आप की प्रतिक्रियाओं से हे मुझे सतत लिखने की उर्जा मिलती है . आपका स्नेह यूं ही मिलाता रहे इसी कामना के साथ सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 25, 2014 at 3:11pm

आदरणीय श्याम नारायण जी ..स्नेह्लि उत्साहवर्ध क प्रतिक्रिया के लिए तहे धन्यवाद सादर 

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