For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जन्माष्टमी दोहावली

कृष्ण पक्ष की अष्टमी ,मध्यरात का काल
मथुरा में पैदा हुआ ,मोहक छवि का बाल ||

कृष्ण लला की झाँकियाँ ,करती भाव विभोर
आई जो जन्माष्टमी ,धूम मची चहुँ ओर ||

पुत्र देवकी वासु के ,पले यशोदा धाम
तारे सबकी आँख के,कृष्ण रखा था नाम ||

दोस्त सुदामा कृष्ण से ,देकर गए मिसाल
शासक,सेवक का मिलन,करता सदा कमाल ||

कृष्ण बचाने द्रौपदी ,अब तो लो अवतार
दुशासन हैं,गली गली , करते अत्याचार ||

युग पुरुष श्री कृष्ण थे कर्मयोगी महान
सारी मानव जाति को दे गए गीता ज्ञान ||

....................................................

.............मौलिक व अप्रकाशित.............

Views: 750

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 24, 2014 at 1:24pm

इस पोस्ट पर आप मेरी पहली टिप्पणी को पुनः पढ़े, आदरणीया. ध्यान से पढ़ेंं.  उसके बाद अशुद्धियों में सुधार आदि का प्रयास हम सभी को भला लगेगा. अन्यथा बार-बार एक ही गलती होती रहेगी.

क्या सुधार के बाद प्रस्तुत किये पहले दोहे में प्रद्युम्न की बात कर रही हैं ? क्योंकि वासुदेव यानि कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न ही थे.

सादर

Comment by Sarita Bhatia on August 24, 2014 at 1:20pm

हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी ,आपकी प्रतिक्रिया मिलने के बाद मेरी लेखनी सक्षम होती है ,मैंने कुछ सुधार किया है तीनों ही दोहों में ,कृपया एक बार देख लें 

वासुदेव के पूत थे ,पले यशोदा धाम
तारे सबकी आँख के,कृष्ण रखा था नाम ||

युग पुरुष श्री कृष्ण थे, योगी एक महान
तारा मानव जाति को, दे गीता का ज्ञान ||

दोस्त सुदामा कृष्ण से ,बनते सदा मिसाल
भेदभाव सब दूर हों ,होता तभी कमाल||

Comment by Sarita Bhatia on August 24, 2014 at 1:08pm

आदरणीय विजय जी हार्दिक आभार 

Comment by Sarita Bhatia on August 24, 2014 at 1:07pm

भाई लक्ष्मण धामी जी शुक्रिया 

Comment by Sarita Bhatia on August 24, 2014 at 1:07pm

हार्दिक आभार लक्ष्मण सर ,आपका सुझाव उपयुक्त है | सादर.......

Comment by Sarita Bhatia on August 24, 2014 at 12:23pm

शुक्रिया भाई जितेंदर जी 

Comment by Sarita Bhatia on August 24, 2014 at 12:22pm

आदरणीय जवाहर जी शुक्रिया 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 22, 2014 at 12:48am

आदरणीया सरिता भाटियाजी, आपके दोहे अब संयत और प्रभावशाली होने लगे हैं. बहुत-बहुत बधाइयाँ.

परन्तु, कुछ दोहों में वैधानिक और तार्किक अशुद्धियाँ हैं.

जैेसे,

पुत्र देवकी वासु के ..  वसुदेव जोकि देवकी के पति थे के पुत्र वासुदेव थे. अतः देवकी-वासु का द्वन्द्व समास भयंकर दोष पैदा कर रहा है.

कृष्ण और सुदामा के मध्य शासक सेवक का सम्बन्ध था या हो सकता है, यह पहली दफ़ा सुन रहा हूँ. और यह आखिरी बार ही सुनना हो.

अंतिम दोहा के दोनों सम चरणों को पुनः देख लीजियेगा. पहले में शब्द-विन्यास तो दूसरे में मात्रिकता की गड़बड़ी है.

शुभेच्छाएँ.

Comment by vijay nikore on August 21, 2014 at 2:48pm

 दोहे अच्छे लगे। बधाई, आदरणीया सरिता जी।

Comment by Sarita Bhatia on August 19, 2014 at 7:10pm

कल्पना जी शुक्रिया 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service