कहाँ तूफान था वो तो बयार से कम था
वो भूलने का असर यादगार से कम था
खयाल आते ही मुरझाये फूल खिलते थे
गुमाँ-ए-वस्ल कहाँ इस बहार से कम था
छुपाके अश्क तबस्सुम उधार ले ली थी
कहाँ ये चेहरा मेरा इश्तेहार से कम था
वो याद मुझको किये रात दिन रहा ऐसे
मेरा रक़ीब कहाँ तेरे यार से कम था
खरीददार सा आँखों में रौब था सब के
वो घर कहाँ किसी चौक-ओ-बाज़ार से कम था
मैं ग़मज़दा था, मै निस्तेज था औ' घायल भी
मैं मुन्तसिर था मगर अब की बार से कम था
मौलिक व अप्रकाशित
Comments are closed for this blog post
आदरणीय गिरिराज साहब देर साने केलिए क्षमा चाहता हूँ. साथ ही क्षमाप्रार्थी भी की मैं ग़ज़लों में अक्सर मात्राओं का उल्लेख नहीं कर पाता. इस रचना के लिए मैंने १२१२ ११२२ १२१२ २२ मात्राओं के अनुसार तक्तीअ की है...
आदरणीय वीनस भाई आपका बेहद धन्यवाद, आपकी इस्सलाह पर गौर करूँगा....
कहाँ तूफान था वो तो बयार से कम था
वो भूलने का असर यादगार से कम था
खयाल आते ही मुरझाये फूल खिलते थे
गुमाँ-ए-वस्ल कहाँ इस बहार से कम था
छुपाके अश्क तबस्सुम उधार ले ली थी
कहाँ ये चेहरा मेरा इश्तेहार से कम था ---- आदरणीय भुवन भाई , इन लाजवाब अश'आर के लिए आपको दिली बधाइयाँ |
आपने बहर का उल्लेख नहीं किया है , अंतिम दो शे र में या तो बहर की या रवानी की कमी लगा रही है | अगर सुधर जाए तो पूरी ग़ज़ल में मजा आ जाए |
भुवन साहब,
अच्छी ग़ज़ल हुई है, मुबारकबाद
चंद मिसरे और रवां-दवां होते तो लुत्फ़ दोबाला हो जाता
आदरणीय गुमनाम भाई, बहुत बहुत शुक्रिया,आपने इस रचना को सराहा,
पर समझ में नहीं आ रहा इस बार इतना सन्नाटा क्यों छाया है?
छुपाके अश्क तबस्सुम उधार ले ली थी
कहाँ ये चेहरा मेरा इश्तेहार से कम था
waah sir ji khoob gazal hui hai,,,,,,,,,,,,,
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |