For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माँ, बहन, बेटी के आँसू

 

माँ, बहन, बेटी के आँसू पे यहाँ रोता है दिल

रोज़ लुटती अस्मतें, क़त्लों का ग़म ढोता है दिल |

 

आबरू को उम्रदारों ने भी बदसूरत किया

मर्दों का बचपन भी है बदकार बद होता है दिल |

 

शाहो-साहब औ’ गँवारों सब में बद शह्वानीयत  

सब की आँखों में चढ़ा शर्मो-हया खोता है दिल |

 

है हुक़ूमत बेअसर बेख़ौफ़ हैं ज़ुल्मो-ज़बर  

हर घड़ी हर साँस जैसे ख़ार पे सोता है दिल |

 

आज भी शै की तरह हैं घर या बाहर औरतें

बेरहम इंसाफ़ भी तेज़ाब से धोता है दिल |

 

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

-- संतलाल करुण 

Views: 1111

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Santlal Karun on July 20, 2014 at 9:18pm

आदरणीया मीना पाठक जी,

ग़ज़ल की सराहना के लिए हार्दिक आभार !

Comment by Meena Pathak on July 20, 2014 at 8:29pm

बेहतरीन गज़ल ..बधाई आदरणीय 

Comment by Santlal Karun on July 10, 2014 at 4:15pm

आदरणीय सौरभ जी,

ग़ज़ल पढ़ने और दाद देने के लिए हार्दिक आभार !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 10, 2014 at 12:28am

आपकी कोई ग़ज़ल पहली दफ़े पढ़ी हमने आदरणीय .. इंतज़ार रहेगा.

सादर दाद कुबूल कीजिये.

Comment by Santlal Karun on July 6, 2014 at 2:51pm

आदरणीया पारुल जी,

ग़ज़ल की प्रशंसा और उसमें व्यक्त सामाजिक सच पर प्रतिक्रिया के लिए सहृदय आभार !

Comment by Santlal Karun on July 6, 2014 at 2:49pm

आदरणीय लडियावाला जी,

प्रशंसात्मक उद्गार के प्रति हार्दिक आभार !

Comment by Santlal Karun on July 6, 2014 at 2:47pm

आदरणीय लक्ष्मन जी,

ग़ज़ल और शेर की तारीफ़ के लिए हार्दिक आभार !

Comment by Santlal Karun on July 6, 2014 at 2:45pm

आदरणीया मंजरी जी,

ग़ज़ल की प्रशंसा के लिए सहृदय आभार !

Comment by Santlal Karun on July 6, 2014 at 2:44pm

आदरणीय डॉ. श्रीवास्तव जी,

रचना की सराहना के लिए हार्दिक आभार !

Comment by parul 'pankhuri' on July 5, 2014 at 4:38pm

आदरणीय आज के घिनोने सच को बहुत प्रभावी ढंग से आपने गजल में कह दिया ..बहुत सुन्दर सृजन 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
4 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
4 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service