For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चुनावी चौपई ( चौपई छंद ) अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव

चौपई छंद - प्रति चरण 15 मात्रायें चरणान्त गुरु-लघु

==================================

ऋतु चुनाव की जब आ जाय। यहाँ वहाँ नेता टर्राय॥

सज्जन दिखते, मन में खोट। दांत निपोरें, माँगे वोट॥

 

जिसकी बन जाती सरकार। सेवा नहीं, करते व्यापार॥

नेता अफसर मालामाल। देश बेचने वाले दलाल॥

 

जब अपनी औकात दिखांय। बिना सींग दानव बन जांय॥

नख औ दांत तेज हो जाय। देश नोंचकर कच्चा खांय॥

 

है इनमें कुछ अच्छे लोग। न लोभी हैं, न कोई रोग़॥

सोचें समझें, तब दें वोट। बार - बार ना खायें चोट॥

 

झूठे नारे, गलत बयान। लाख समस्या एक निदान॥

बदलें “मत” से हिंन्दुस्तान। फिर होगा यह देश महान॥

...............................................

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव, धमतरी 

(मौलिक व अप्रकाशित)   

  

Views: 622

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 24, 2014 at 6:34pm
  • आदरणीय सत्यनारायण  भाई,

रचना की प्रशंसा केलिए हार्दिक धन्यवाद आभार

Comment by Satyanarayan Singh on May 23, 2014 at 5:25pm

इस  सामयिक छंद पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 3, 2014 at 12:31pm
  • आदरणीय जितेन्द्र भाई,

रचना की प्रशंसा केलिए हार्दिक धन्यवाद आभार

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 3, 2014 at 12:29pm

आदरणीय अरुण भाईजी,

रचना की प्रशंसा केलिए हार्दिक धन्यवाद आभार

छंद लिखा जो  मन को भाय। खुशी और दूनी हो जाय॥ 

आप सभी से सीखा भ्रात। वरना अपनी क्या औकात॥ 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 3, 2014 at 12:00pm

छोटे  भाई गिरिराज्,

रचना की प्रशंसा केलिए हार्दिक धन्यवाद आभार

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 3, 2014 at 11:56am

आदरणीय अशोक भाईजी,

रचना की प्रशंसा केलिए हार्दिक धन्यवाद आभार

सही कह रहे हैं आप एक ही चौपई में दो गलतियाँ हो गई, आपकी और सौरभ भाई की चौपई ध्यान से पढ़ने के बाद भी। 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 3, 2014 at 11:45am

आदरणीया राजेश कुमारीजी,

रचना की प्रशंसा केलिए हार्दिक धन्यवाद आभार

सँभलकर कदम रखने के बाद भी ठोकर लग ही जाती है ( मात्रा गिनने में गलती हो ही जाती है)

पहले  लिखा था.. 

भ्रष्ट व्यवस्था, गंदी चाल। नेता अफसर मालामाल। 

बदलने से त्रुटि भी हो गई और वो भाव भी नहीं बन पाया जो ऊपर के वाक्य में है  

सादर 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 3, 2014 at 11:33am

आदरणीया सरिता जी,

रचना की प्रशंसा केलिए हार्दिक धन्यवाद आभार

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 3, 2014 at 11:32am

आदरणीया कुंतीजी,

रचना की प्रशंसा केलिए हार्दिक धन्यवाद आभार

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 3, 2014 at 12:08am

बहुत बढ़िया चौपाई आदरणीय अखिलेश जी, हार्दिक बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service