For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

युवा भारत
------------

उमंग से भरे चेहरे
पल होंगे तभी सुनहरे
मिले दिशा जब उस ओर
होती है जिधर से भोर
खिलती कली खिलती धूप
बहती नदी खिलता रूप
उन्मुक्त हो गगन उड़ान
नारी स्वयं की पहचान
सफल होय जीवन अपना
शेष रहे न कोई सपना
गीत मिल वो गुनगुनाएं
आओ सब स्वर्ग बनायें
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
मौलिक /अप्रकाशित

Views: 584

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 31, 2014 at 7:29pm

आदरणीय श्री जितेन्द्र जी 

आपका प्रोत्साहन सदैव मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है 

सादर आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 31, 2014 at 7:28pm

आदरणीय श्री शिज्जू शकूर सर जी 

सादर आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 31, 2014 at 7:27pm

आदरणीय श्री नीर जी 

सादर 

प्रोत्साहन हेतु आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 31, 2014 at 7:25pm

आदरणीय श्री ओम प्रकाश जी 

सादर 

प्रोत्साहन हेतु आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 31, 2014 at 7:24pm

आदरणीया कल्पना जी 

सादर 

प्रोत्साहन हेतु आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 31, 2014 at 7:23pm

आदरणीय मयंक जी 

सादर 

बहुत ज्यादा नही 

आभार 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 14, 2014 at 10:10am

बहुत सुंदर सार्थक सन्देश देती रचना, हार्दिक बधाई आदरणीय प्रदीप जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on March 13, 2014 at 11:07am

आदरणीय प्रदीप कुशवाहा सर बहुत अच्छी संदेश देती रचना है बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by Neeraj Neer on March 12, 2014 at 8:28pm

बहुत सुन्दर संदेशप्रद रचना .. 

Comment by Omprakash Kshatriya on March 12, 2014 at 7:44am

खिलती कली खिलती धूप 
बहती नदी खिलता रूप .................सरस .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
11 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
11 hours ago
Tilak Raj Kapoor updated their profile
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
11 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service