For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कह मुकरियाँ - सरिता भाटिया

प्रथम प्रयास कह मुकरियाँ पर आप सब सुधीजनों के मार्गदर्शन की अभिलाषी हूँ ...

1.
लीला सखिओं संग रचाता
मन का हर कोना महकाता
भागे आगे पीछे दैया
क्यों सखि साजन ? ना कन्हैया
2.
जिसको हमने स्वयं बनाया
मान और सम्मान दिलाया
उसको हमारी ही दरकार
क्यों सखि साजन ? नहीं सरकार
3.
बच्चे बूढ़े सबको भाए
नाच दिखाए खूब हँसाए
सबके दिल का बना विजेता
क्यों सखि साजन ? ना अभिनेता
4.
उसके बिना चैन ना आए
पाकर उसको मन हर्षाए
उसको देख देख मुस्काती
क्यों सखि साजन ? ना सखि पाती
5.
बिगड़ी बातें सभी बनाता
नवजीवन की आस जगाता
करता सारे ह्रदय के काम
क्यों सखि साजन? ना सखि राम

..........................................
.......मौलिक व अप्रकाशित........

Views: 461

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sarita Bhatia on March 14, 2014 at 7:53pm

आदरणीय सौरभ sir शुक्र है आप आए तो प्रथम प्रयास में ही जब कोई आकर नहीं बताएगा तो कैसे गल्ती सुधार करेंगे 

आपकी हार्दिक आभारी हूँ कृपया जो इसके बाद लिखी गई हैं उनको भी सुधारने का मौका दें 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 14, 2014 at 3:27pm

जिसको हमने स्वयं बनाया
मान और सम्मान दिलाया .........  ऐसी कौन-सी सजनी होती है ? या ऐसी कितनी प्रतिशत सजनियाँ होती हैं ?

मुकरियों को तार्किक रखा जाय तो ही इनकी सार्थकता है. प्रयास हेतु हार्दिक बधाई

Comment by ram shiromani pathak on February 22, 2014 at 2:05pm

आदरणीया सरिता जी,सुंदर प्रस्तुति.................सादर

Comment by Sarita Bhatia on February 21, 2014 at 10:48am

आदरणीय गुरुदेव जी आपके सुझाव अनुसार कुछ और भी परिवर्तन कर दिए हैं ,मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार 

Comment by Sarita Bhatia on February 21, 2014 at 10:47am

आदरणीय गिरिराज जी हार्दिक आभार स्नेह बनाये रखें 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on February 20, 2014 at 9:16pm

आदरणीया , मनमोहक कह-मुकरियाँ , बधाइयाँ

सखिओं संग लीला रचाता ------इसे "लीला सखियों संग रचाता"  कह कर देखिये, प्रवाह स्मूथ लगेगा

हमने जिसे है खुद बनाया--------"जिसको हमने स्वयम् बनाया" , में अच्छा प्रवाह आयेगा

सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 20, 2014 at 5:59pm

आदरणीया सरिता जी , कह मुकरियों के प्रभावी प्रयास के लिये आपको बधाइयाँ ॥

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर रोला छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
11 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
11 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
11 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय दयारामजी"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बेहतरीन 👌 प्रस्तुति और सार्थक प्रस्तुति हुई है ।हार्दिक बधाई सर "
Monday
Dayaram Methani commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अति सुंदर गीत रचा अपने। बधाई स्वीकार करें।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service