For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

स्वागत तव ऋतुराज

ऋतुराज के स्वागत में पांच दोहे

स्वागत तव ऋतुराज

चंप पुष्प कटि मेखला, संग सुभग कचनार।
गेंदा बिछुआ सा फबे, गल जूही का हार।१।

.
बेला बाजूबंद सा, कंगन हरसिंगार।
गुलमोहर भर मांग में, करे सखी श्रृंगार ।२।

.
पहन चमेली मुद्रिका, नथिया सदाबहार।
गुडहल बिंदी भाल दे, मन मोहे गुलनार।३।

.
जूही गजरा केवडा, सजे सखिन के बाल।
तन मन को महका रही, मौलश्री की माल।४।

.
झुमका लटके कान में, अमलतास का आज।
इस अनुपम श्रृंगार से, स्वागत तव ऋतुराज।५।

-सत्यनारायण सिंह
(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 1074

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Satyanarayan Singh on February 24, 2014 at 6:44pm
आदरणीय विजय निकोर जी सादर
दोहावली पर आपकी उपस्थिति एवं सराहना से रचना कर्म सार्थक हुआ अतएव सादर आभार आदरणीय
Comment by vijay nikore on February 20, 2014 at 2:20am

इन अति सुन्दर दोहों के लिए बधाई, आदरणीय।

Comment by Satyanarayan Singh on February 14, 2014 at 7:58pm
आ.डॉ आशुतोश मिश्र जी दोहे पसंद करने एवं बधाई हेतु आपका सादर आभार आदरणीय
Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 14, 2014 at 4:41pm

आदरणीय ऋतुराज के स्वागत में लिखे गए आपके ये सभी दोहे मुझे बेहद पसंद आये ...सत्यनारायण जी आपको तहे दिल बधाई ..सारर

Comment by Satyanarayan Singh on February 12, 2014 at 10:26am
रचना पर प्राप्त आपकी बधाई एवं सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय कल्पना रामानी जी सादर
Comment by Satyanarayan Singh on February 12, 2014 at 10:26am
रचना पर प्राप्त आपकी बधाई एवं सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय कल्पना रामानी जी सादर
Comment by कल्पना रामानी on February 11, 2014 at 10:30am

ऋतुराज के स्वागत में सुंदर बसंती दोहे बहुत भाए, हार्दिक बधाई आदरणीय सत्यनारायण जी  

Comment by Satyanarayan Singh on February 7, 2014 at 5:47pm
आदरणीय सुशिल सरना जी
आपकी सकारात्मक प्रतक्रिया हेतु आपका ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ
Comment by Satyanarayan Singh on February 7, 2014 at 5:45pm
आदरणीया डॉ प्राची जी, दोहावली पर आपकी उपस्थिति एवं सराहना से रचना कर्म सार्थक हुआ अतएव सादर आभार आदरणीया

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 7, 2014 at 12:50pm

ऋतुराज की शान में बहुत सुन्दर पुष्प सुगंधि बिखेरी है आपके सुन्दर दोहों ने 

बहुत बहुत बधाई..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
18 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
18 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
21 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
21 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
21 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service