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हसीन सपने कभी घर भी जला देते हैं

ल ला ल ला      ला ल ला ला   ल ल ला ला   ला ला 

शबाब फूलों का शबनम में मिला देते हैं 

शराब यूं ही हसी रोज बना देते हैं

दुआएं करते हैं हम जब भी अमन की खातिर

कबूतरों को भी हाथों से उड़ा देते हैं 

कभी जो आया हमें याद सुहाना बचपन

हँसी घरोंदा ही बालू पे बना देते हैं 

हुए न जब भी चरागा हैं मयस्सर हमको 

चरागे दिल को यूं ही रोज जला देते हैं 

समझ रहे हैं फकीरों को भिखारी या रब 

फ़कीर खुद ही जिन्हें रोज दुआ देते हैं 

हँसी चमन में है ये कैसी उदासी यारों 

चलो गुलों से चमन आज सजा देते हैं 

यकीन होता तो है यार मगर मुश्किल से 

हसीन सपने कभी घर भी जला देते हैं 

उमर गुजारी थी ऐ आशु सहारे जिनके 

उन्ही गुलों में छिपे खार दगा देते हैं 

मौलिक व अप्रकाशित 

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Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 29, 2014 at 5:01pm

नीरज जी ..आपके स्नेहिल शब्दों के लिए तहे दिल धन्यवाद ...

Comment by Shyam Narain Verma on January 29, 2014 at 2:52pm
बेहद उम्दा ...बहुत बहुत बधाई आप को आदरणीय | सादर 
Comment by Meena Pathak on January 29, 2014 at 2:04pm

खूब खूब बधाई .. बहुत सुन्दर गज़ल 

Comment by Neeraj Nishchal on January 29, 2014 at 1:23pm

किस किस कि तारीफ करूँ आखिर
हर अशयार तो पागल बना देते हैं ।

बहुत ही खूब सूरत बहुत ही उम्दा

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 29, 2014 at 1:16pm

सारथी जी ..हौस्ला अफजाई के लिए तहे दिल धन्यवाद ..सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 29, 2014 at 12:44pm

आदरणीया अन्नपूरना जी ..आप सब के उत्साह वर्धन से सतत लिखने की प्रेरणा मिलती है ..हार्दिक धन्यवाद के साथ ..सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 29, 2014 at 12:42pm

आदरणीय लक्षमण जी ..आपका हार्दिक आभार ..सादर

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 29, 2014 at 12:38pm

आदरणीय नीरज जी ..हौसला अफजाई के लिए तहे दिल धन्यवाद ..सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 29, 2014 at 12:38pm

आदरणीय गिरिराज भाईसाब ..आपके सुझाव एवं मार्गदर्शन के लिए तहे दिल धन्यवाद ..हमको की जगह हमे करना था ..मैं संसोधन शीघ्रातिशीघ कर लूँगा .पुन धन्यवाद के साथ 

Comment by Saarthi Baidyanath on January 29, 2014 at 10:43am

बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल ....हार्दिक बधाई ! 

यकीन होता तो है यार मगर मुश्किल से 

हसीन सपने कभी घर भी जला देते हैं ...मेरा पसंदीदा शेर 

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