For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

221 2122 221 2122

 

शब्दों में पत्थरों को भर मारने की आदत

यूँ बेवजह तुम्हे ठोकर मारने की आदत

 

हमने मुहब्बतों में झेले सितम हज़ारों

दीवार पे हमें है सर मारने की आदत

 

ईमानो हक की बातें हैं करते आज वे ही

जिनको है भीड़ में छुप कर मारने की आदत

 

हालात दर्द को पैहम यूँ बढ़ाये उसपे

ऐ हुक्मराँ तेरी नश्तर मारने की आदत

 

उड़ना जिन्हे है वो उड़ ही जाते हैं परिन्दे

उनको नही ज़मीं पे पर मारने की आदत

 

(मौलिक तथा अप्रकाशित)

 

Views: 875

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mukesh Verma "Chiragh" on April 1, 2014 at 9:05am

 

उड़ना जिन्हे है वो उड़ ही जाते हैं परिन्दे

उनको नही ज़मीं पे पर मारने की आदत

आदरणीय शिज़्जू जी

बहुत मुबारकबाद..बाकी सौरभ जी ने इशारा कर दिया है..उसे ध्यान रखें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on February 1, 2014 at 8:31am

आदरणीय सौरभ सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया कि आप मेरी रचना पर आये हौसला बड़ा मेरा मैंने कुछ संशोधन किया है, अभी और कोशिश कर रहा हूँ कि इसमें सुधार हो जाये।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 1, 2014 at 3:59am

खेद है, इस ग़ज़ल पर विलम्ब से आया हूँ.

बह्र का वज़्न देखा जाय तो दो-दो अर्कान से ये दो बराबर भागों में बँटा हुआ है. यहाँ शिकस्ते नारवा के प्रति सावधान होना था. बहरहाल कथ्य और फ़िक़्र के लिए बधाई स्वीकारें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on January 31, 2014 at 11:19pm

आदरणीय विजय सर, आदरणीय बृजेश जी, आदरणीया मीना जी, आदरणीय विजय मिश्र जी रचना की तारीफ के लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by विजय मिश्र on January 30, 2014 at 12:40pm
बहुत सुंदर ,बधाई शिज्जू भाई |
"उड़ना जिन्हे है वो उड़ ही जाते हैं परिन्दे
उनको नही ज़मीं पे पर मारने की आदत | -- खास तौर से भायी |
Comment by Meena Pathak on January 29, 2014 at 4:29pm

बहुत सुन्दर गज़ल हुई .. बहुत बहुत बधाई आप को | सादर 

Comment by बृजेश नीरज on January 29, 2014 at 11:02am

बहुत सुन्दर ग़ज़ल! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by vijay nikore on January 29, 2014 at 2:40am

आपकी गज़ल में खयाल अच्छे लगे। बधाई।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on January 28, 2014 at 11:27pm

भाई सारथी जी आपका आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on January 28, 2014 at 11:26pm

आदरणीय वीनस जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया आपके सुझाव को सदैव ध्यान में रखूँगा

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
2 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
4 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"प्रवृत्तियॉं (लघुकथा): "इससे पहले कि ये मुझे मार डालें, मुझे अपने पास बुला लो!" एक युवा…"
19 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"स्वागतम"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"है सियासत की ये फ़ितरत जो कहीं हादसा हो उसको जनता के नहीं सामने आने देना सदर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय पंकज जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमित जी  बहुत बहुत शुक्रिया सज्ञान लेने के लिए कोशिश करती हूं समझने की जॉन साहब को भी…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई पंकज जी, हार्दिक आभार।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service