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ग़ज़ल (अजय अज्ञात)

करें हम हमेशा ही उनकी इबादत 
ये जीवन हमारा है जिनकी बदौलत... 


नहीं कोई सानी है माता पिता का
यकीनन ये करते हैं दिल से मुहब्बत... 


चरण छू लो इनके, मिलेंगी दुआएं 
इन्हें देखने भर से होती जियारत ... 


सही मायने में यही देवता हैं 
यही पूरी करते हमारी ज़रूरत ...


हमेशा कलेजे से रखते लगाए
बलाओं से करते हमारी हिफाज़त ...


ये उंगली पकड़ हम को चलना सिखाते
पिलाते हैं घुट्टी में हम को सदाकत .... 


न माता पिता का कभी दिल दुखाना 
इन्हीं की दुआओं से हम हैं सलामत ....


यहीं लुत्फ मिलता है जीवन का यारो 
कि अज्ञात कदमों में इनके है जन्नत ...

.

मौलिक व अप्रकाशित ...

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Comment by gumnaam pithoragarhi on January 10, 2014 at 6:46pm

नहीं कोई सानी है माता पिता का

यकीनन ये करते हैं दिल से मुहब्बत..

चरण छू लो इनके, मिलेंगी दुआएं

इन्हें देखने भर से होती जियारत ...

वाह सर क्या खूबसूरत  कही है

 

Comment by coontee mukerji on January 10, 2014 at 1:40am

न माता पिता का कभी दिल दुखाना 
इन्हीं की दुआओं से हम हैं सलामत ......बहुत सुंदर.

...

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 9, 2014 at 11:23pm

 सच! माता-पिता ईश्वर ही है, बहुत सुंदर गजल आदरणीय अजय जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by shashi purwar on January 9, 2014 at 10:29pm

वाह अजय जी सुन्दर गजल है सभी शेर उम्दा , सार्थक गजल हेतु हार्दिक बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 9, 2014 at 10:14pm

आदरणीय अजय भाई , बहुत खूब सूरत गज़ल कही है , सच कहा है आपने माता पिता की महानता असीम है !! आपको बधाइयाँ ॥

Comment by कल्पना रामानी on January 9, 2014 at 10:04pm

सुंदर और सार्थक गजल के लिए हार्दिक बधाई अजय जी

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