For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

संवेदनाओं के 

अंतर गुन्जन पर 

भाव लहरियों का 

निःशब्दित नृत्य..

इस ओर से उस छोर 

उस छोर से इस ओर

विलयित तटबन्ध..

लहर लहर मन 

आनंदित 'नील सागर'

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 1155

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 2, 2013 at 4:47pm

विचारों के उफनते लहरों को कम शब्दों में समेट देना आसान नहीं हुआ करता, किन्तु इस रचना की कामयाबी यही है कि कोई शब्द अथवा शब्द समूह निरर्थक नहीं हैं, बहुत ही खुबसूरत रचना हुई है आदरणीया डॉ प्राची जी, बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें । 

Comment by Neeraj Neer on October 2, 2013 at 4:09pm

बहुत गहन भाव लिए एवं सुन्दर शब्द संयोजन के साथ आपकी उत्कृष्ट कविता के लिए बधाई . 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on October 2, 2013 at 3:07pm

आदरणीया प्राची जी, सदा की भाँति नि:शब्द करती आपकी पंक्तियों को नमन. प्रेमातिरेक की इससे उत्तम परिभाषा और भला क्या हो सकती है ?

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on October 2, 2013 at 2:20pm

अति गूढ़ अर्थ लिए हुए इस रचना पर ढेर साड़ी बधाईयाँ आपको 

Comment by annapurna bajpai on October 2, 2013 at 2:18pm
आदरणीया प्राची जी बहुत सुंदर भाव , शब्दों का संजयोजन सभी कुछ सुंदर , आपको बधाई इस रचना हेतू ।
Comment by अरुन 'अनन्त' on October 2, 2013 at 2:15pm

आदरणीया प्राची दीदी बेहद सशक्त प्रभावशाली रचना अंतस ह्रदय में निहित सुकोमल भावनाओं को अत्यंत सुन्दर शब्द प्रदान किये हैं आपने, प्रत्येक पंक्ति गहन भाव लिए हुए है. दीदी इस सुन्दर सृजन हेतु हृदयतल से ढेरों बधाई स्वीकारें.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2013 at 12:45pm

रचना पर आपकी बहुमूल्य सराहना और शुभकामनाओं के लिए हृदय तल से धन्यवाद आदरणीय राजेश कुमारी जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2013 at 12:44pm

अभिव्यक्ति की सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद आ० जितेन्द्र जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2013 at 12:42pm

आदरणीय संजय मिश्रा जी 

प्रस्तुति आपको पसंद आ सकी... यह जानना संतोष प्रदान करता है

हार्दिक आभार 

सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 2, 2013 at 12:40pm

रचना के अनुमोदन के लिए हार्दिक आभार आ० सरिता भाटिया जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
2 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
22 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service