For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल- सारथी || बहुत चर्चा हमारा हो रहा है ||

बहुत चर्चा हमारा हो रहा है

इशारों में इशारा हो रहा है /१  

लकीरें हाथ की बेकार हैं सब 

समझिये बस गुजारा हो रहा है /२ 

न जाने रूह पर गुजरी है क्या क्या 

बदन का खून खारा हो रहा है /३ 

गगन के तारे क्यूँ जलने लगे हैं

कोई जुगनू सितारा हो रहा है /४  

तुम अपनी धड़कनों को साधे रखना 

तुम्हारा दिल हमारा हो रहा है/५ 
.............................................
बह्र : १२२२ १२२२ १२२ 
*सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 1321

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Saarthi Baidyanath on October 27, 2013 at 9:52pm

आदरणीया  Priyanka singh जी .... ह्रदय तल से अनेक धन्यवाद आपका ! सादर :)

Comment by Priyanka singh on October 27, 2013 at 8:58pm

वाह वाह बहुत खूब ...लाजवाब रचना ...बधाई आपको ....

Comment by Saarthi Baidyanath on October 3, 2013 at 12:05pm

 विन्ध्येश्वरी त्रिपाठी विनय :
आदरणीय, प्रथमतया नमन स्वीकार करें ! जी, प्रयासरत हूँ कि कुछ अच्छा लिख सकूँ !..आपका स्नेह मिला ..हर्षित हूँ !...स्नेह देते रहिएगा ...अनेक धन्यवाद आपका ...नमन सहित :)

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on October 2, 2013 at 6:59pm
भाई वैद्यनाथ सारथी जी! आपने जिस सादगी के साथ इतनी रंगीन बात कही है उसके लिये आपको बधाई। आपके इस गजल से एक समर्थ कलमकार की महक आ रही है, उस कलमकार को नमन!
Comment by Saarthi Baidyanath on September 25, 2013 at 5:01pm

आदरणीय चन्द्र शेखर पाण्डेय जी :
माननीय...आपकी टिप्पणी असाधारण है मुझ साधारण कलमकार के लिए !..निश्चितरूप से आपका साथ मिलने से ..आपका आशीर्वाद मिलने से मेरा मनोबल ऊँचा हुआ है ...! हौसलाअफजाई व दाद के लिए असंख्य आभार ..ह्रदय से ! :)

Comment by Saarthi Baidyanath on September 25, 2013 at 4:57pm

डॉक्टर प्राची सिंह:
सादर नमन ..महोदया !...आपने ग़ज़ल के अनछुए एहसासात को महसूस किया है ...ह्रदय से आभार व अभिनन्दन व्यक्त करता हूँ!विनम्र धन्यवाद ....! स्नेह देते रहिएगा :)

Comment by Saarthi Baidyanath on September 25, 2013 at 4:53pm

श्री आशीष नैथानी 'सलिल ':
श्रीमान, सबसे पहले तो आपको नमन करता हूँ ... उत्तराखंड की पावन भूमि को भी प्रणाम करता हूँ ..जहां से आप हैं !..आपने ग़ज़ल को अपना स्नेह दिया .. एक नवोदित के मनोबल के लिए और क्या चाहिए ... ! बहुत बहुत आभार आपका :)

Comment by CHANDRA SHEKHAR PANDEY on September 25, 2013 at 2:29pm

लकीरें हाथ की लेकर.... गये हो

गरीबी में गुजारा....... हो रहा है |

 

गगन के तारे क्यूँ जलने लगे हैं

कोई जुगनू... सितारा हो रहा है |

 आदरणीय सारथी जी, बेहतरीन गजल से विविध बिम्ब उकेर कर आपने नये प्रतिमान गढे हैं। हार्दिक बधाई


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 24, 2013 at 8:33pm

बहुत खूबसूरत गज़ल आ० बैद्य नाथ 'सारथी' जी 

हर शेर पर ढेर ढेर दाद क़ुबूल कीजिये.. 

इतनी कोमल मधुर ग़ज़लें कम ही पढ़ने को मिलती  हैं 

बहुत बहुत शुभकामनाएँ 

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on September 23, 2013 at 10:38am

लकीरें हाथ की लेकर.... गये हो

गरीबी में गुजारा....... हो रहा है |

हकीक़त... रूह को तड़पा रही है

बदन का खून खारा.. हो रहा है |

 

गगन के तारे क्यूँ जलने लगे हैं

कोई जुगनू... सितारा हो रहा है |

वाह वाह वाह
हर शेर लाजवाब है भाई !!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बेहतरीन 👌 प्रस्तुति और सार्थक प्रस्तुति हुई है ।हार्दिक बधाई सर "
Monday
Dayaram Methani commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अति सुंदर गीत रचा अपने। बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"सही कहा आपने। ऐसा बचपन में हमने भी जिया है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday
Sushil Sarna posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
Dharmendra Kumar Yadav posted a blog post

ममता का मर्म

माँ के आँचल में छुप जातेहम सुनकर डाँट कभी जिनकी।नव उमंग भर जाती मन मेंचुपके से उनकी वह थपकी । उस पल…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Nov 30

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service