For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आता है हिन्दी दिवस जाने को तत्काल

संसंद में करते रहे, नेता टालम टाल

विकसित करना देश को तो मन में यह ठान

अपनी भाषा का सदा उन्नत रखना भाल |

(2)

हिन्दी में ही बोलकर रख भाषा का मान

भाषा की सम्पन्नता, है हिन्दी की शान

हीन भाव लाये बिना कर हिन्दी में बात

तब हिन्दी की विश्व में अमिट बने पहचान |

(3)

रोज मना हिन्दी दिवस करना गौरव गान

देवनागरी लिपि बनी, जो है इसकी शान

संस्कृति अरु साहित्य का उन्नत है भण्डार

सबको करना चाहिए भाषा पर अभिमान |

(मौलिक व् अप्रकाशित)

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला 

Views: 1029

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 14, 2013 at 1:30pm

मुक्तक सराहने के लिए आपका हार्दिक आभार एवं जिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाए श्री गिरिराज भंडारी जी एवं
श्री अखिलेश कुमार श्रीवास्तव जी |

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 14, 2013 at 1:28pm

शुक्रिया सरिता भाटिया जी | सादर | हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकानाए

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 14, 2013 at 1:24pm

हिन्दी दिवस की आपको भी हार्दिक शुभकामनाए आदरणीया परवीन मालिक जी

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 14, 2013 at 1:16pm

हिंदी दिवस की शुभकामना ! और बधाई लक्ष्मण भाई, सुंदर रचना से हिंदी का मान बढ़ाने के लिए।

हम सब हिंदी मे "" ही " " हस्ताक्षर करने का संकल्प लें तो यह दिन सफल हो जाएगा।

Comment by Sarita Bhatia on September 14, 2013 at 12:15pm

बहुत बढ़िया मुक्तक लक्ष्मण भाई जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 14, 2013 at 12:09pm

आदरणीय लक्ष्मण भाई , हिन्दी की शान मे लाजवाब मुक्तक !! बधाई !!

Comment by Parveen Malik on September 14, 2013 at 11:54am
बढिया मुक्तक हिंदी भाषा के सम्मान में ... हिंदी दिवस की शुभकामनाये !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service