For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तान्या : यूँ मिलना तुम्हारा

एक 

तुम
मुझे ऐसे मिले
जैसे कि मंदिर में किसी
देवता के आगे
फैली
अंजलि में
फूल
देव मस्तक का
आ कर के गिरे /
या किसी प्यासे पपीहे को
मिले
एक बूँद पानी ।

प्यार सी
नजरो को छू कर
तुम खिले ऐसे
कि जैसे
ऋतु बसंत में
किसी कम्पित डाली पर
सोई कली
मंद , शीतल पवन का
स्पर्श पा कर के खिले /
या खिले कवि ह्रदय कोई
देख कर वर्षा सुहानी ।

दो घडी को
साथ चल कर
तुम छुपे ऐसे
कि जैसे
श्याम घन के बीच से
चपला अचानक
दो घडी को झांक
जा वापस छुपे /
या कोई पल बीतता सा
क्षण में
बन जाये कहानी ।

दो

कभी का वो क्षण
अनकहा
कहा था /कान में चुपके से
' प्यार के माने क्या?'
कि सपने हज़ार बुने /
कि हाथ बढाया
अभी आसमान छू लूं / 
ये धरती, हवाएं
ये बारिश का पानी
मेरे थे /उसी क्षण
सभी /
वो क्षण
डायरी का एक पृष्ठ बन कर
रह गया ।

मौलिक एवं अप्रकाशित
अरविन्द भटनागर ' शेखर'

Views: 689

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 3, 2013 at 9:05am

आ0 अरविन्द भाई जी,  सादर प्रणाम!  अतिसुन्दर प्रस्तुति। हार्दिक बधाई स्वीकार करें,  सादर,

Comment by aman kumar on September 3, 2013 at 9:03am

वो क्षण 
डायरी का एक पृष्ठ बन कर 
रह गया ।

यादे .........


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 3, 2013 at 8:03am

अरविन्द भाई , अनुपम रचना , अनुपम अभिव्यक्ति , वाह वाह !! क्या कहने !! बधाई !!

Comment by Abhinav Arun on September 3, 2013 at 7:40am

आपकी कविता अपनी विशिष्ट छाप बता देती है .... इन  स्नेहिल अनुभूतियों की सुंदर सशक्त भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई आ . शेखर जी !!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 3, 2013 at 12:12am

वाह! बेहद सुंदर शब्दों से पिरोयी रचना, हार्दिक बधाई आदरणीय अरविन्द जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
13 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
15 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
16 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।बेहतर शीर्षक के बारे में मैं भी सोचता हूं। हां,पुर्जा लिखते हैं।"
16 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।"
16 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
16 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
16 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। चेताती हुई बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लगता है कि इस बार तात्कालिक…"
17 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
" लापरवाही ' आपने कैसी रिपोर्ट निकाली है?डॉक्टर बहुत नाराज हैं।'  ' क्या…"
21 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service