For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गर्जत बरसत सावन आया

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव, धमतरी

मेघों का दल आया है, सावन का संदेशा लाया है।  

जल भरकर ये काले जलधर, जल बरसाने आया है॥                   

मेघों का दल आया है ......

चांदी जैसी बिजली चमकी, उमड़-घुमड़ आये बादल।

लगता है आकाश छोड़कर, धरती पर छाए बादल॥

गर्मी हम से रूठ गई, बरसात ने नाता निभाया है  ।

मेघों का दल आया है ......

भँवरे फूल बगियां खुश हैं, माटी की सोंधी महक उठी।

पंछी सुर में गाने लगे, कहीं दूर कोई कोयल कूकी॥

पशु पक्षी जन मानस के, तन-मन को भिगोने आया है ।

मेघों का दल आया है ......

रिम- झिम से शुरुवात हुई, फिर बड़ी- बड़ी बूंदे आईं।

लम्बी उमस गर्मी की देखो, अब कैसी शामत आई॥

मौसम भीगा- भीगा है, और दिन में अंधेरा छाया है ।

मेघों का दल आया है ......

पेड़ों पर पड़ने लगे झूले, सखियाँ सुर में गाने लगी।

मोर ने अपने पंख फैलाए, डाली पर चिड़ियाँ चहकीं॥

बरखा रानी के स्वागत् में, सबका मन हर्षाया है ।

मेघों का दल आया है ......

**************************

जलधर  =  बादल

( मौलिक व अप्रकाशित )

 

Views: 709

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 3, 2013 at 9:50am

अन्नपूर्णा  जी ,- राधे- राधे॥  सावन -गीत को  पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद ॥

Comment by annapurna bajpai on September 2, 2013 at 10:57pm
आदरणीय अखिलेश जी बहुत बढ़िया , सुंदर रचना हेतु बधाई स्वीकारें ।
Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 2, 2013 at 7:02pm

रविकर भाई- सप्रेम राधे- राधे ।  सावन -गीत को दिल से पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद ॥

Comment by रविकर on September 2, 2013 at 10:18am

सुन्दर
आदरणीय-
बधाई स्वीकारें-
सादर

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 2, 2013 at 9:11am

नारायण भाई- सप्रेम राधे- राधे। सावन -गीत को दिल से पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद ॥

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 2, 2013 at 9:06am

गिरिराज भाई- सप्रेम राधे- राधे। सावन -गीत को दिल से पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद ॥

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 2, 2013 at 8:59am

अरुण भाई- सप्रेम राधे- राधे ।  सावन -गीत को दिल से पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद ॥

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 2, 2013 at 8:49am

लक्ष्मण भाई- सप्रेम राधे- राधे । सही सलाह एवं गीत को दिल से पसंद करने के लिए हार्दिक् धन्यवाद ॥

Comment by Satyanarayan Singh on September 1, 2013 at 8:00pm

आदरणीय अखिलेश जी सुन्दर सावन गीत के प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई.

Comment by Abhinav Arun on September 1, 2013 at 8:00pm

अहा बहुत मनोरम चित्रण किया है आदरणीय आपने सावन का बहुत बधाई इस सुन्दर रचना पर !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
20 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​आपकी टिप्पणी एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service