For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुण्डलिया छंद

अबला नारी को कहें, उनको मूर्ख जान |
नारी से है जग बढ़ा ,नारी नर की खान ||
नारी नर की खान , प्यार बलिदान दिया है |
नारी नहिं असहाय , मर्म ने विवश किया है
पाकर अनुपम स्नेह ,नारी बनेगी सबला |
नर जो ना दे घाव ,तो क्यों रहे वह अबला||

..........................

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 514

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sarita Bhatia on July 18, 2013 at 8:19pm

जी आदरणीय सौरभ जी नमस्कार ,आप सभी अग्रजों के सुझाव सर आँखों पर

प्रयास जारी है  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 18, 2013 at 7:35pm

प्रयासरत रहें, आदरणीया.  साथ ही छंदों के विधान के प्रति सचेत रहें. आदरणीय रविकर जी और आदरणीय अशोक भाईजी के सुझाव समीचीन हैं.

सादर

Comment by बृजेश नीरज on July 16, 2013 at 5:54pm

आदरणीया सरिता जी साहित्य कर्म में आपके गंभीर प्रयास आपकी रचना में झलकते हैं। मुझे विश्वास है कि जल्द ही आप सभी छंदों में महारथ हासिल करने वाली हैं।
इस प्रयास पर आपको हार्दिक बधाई!

Comment by विजय मिश्र on July 16, 2013 at 5:40pm
"नारी नहिं असहाय , मर्म ने विवश किया है" --- यही सच है और आपने सुंदर कहा है .साधुवाद सरिताजी .
Comment by Sarita Bhatia on July 16, 2013 at 8:34am

आदरणीय अशोक जी तह दिल से शुक्रिया 

Comment by Ashok Kumar Raktale on July 15, 2013 at 10:21pm

आदरणीया सरिता जी सादर, यह कुण्डलिया छंद आपने बहुत अच्छा रचा है. बहुत बहुत बधाई स्वीकारें. कुछ सुधार आदरणीय रविकर जी ने किया है.उससे शिल्प दोष और प्रवाह दोनों सुधरे हैं. मुझे लगता है अंतिम दोनों पदों में भी शब्द संयोजन में बदलाव होना चाहिए.

नारी नर की खान , प्यार बलिदान दिया है |
नारी नहिं असहाय , मर्म ने विवश किया है
पाकर अनुपम स्नेह ,बनेगी नारी सबला |
नर जो ना दे घाव ,रहे कैसे वह अबला||

Comment by Sarita Bhatia on July 15, 2013 at 7:59pm

अरे गुरुदेव ऐसा मत कहिए ,मुझे बेझिझक आप गलती बता सकते हैं ,आपका कोई सानी नहीं कुण्डलिया में 

दूसरी बात मुझे सीखने का बहुत शौक है कोई भी गलती समझाता है तो उसका बुरा नहीं लगता ,मेरी ज्यादा पूछताश से किसी को बुरा ना लगे ,कोई उसका गलत मतलब ना निकाले बस यही ध्यान रखती हूँ | सुधार करे देती हूँ 

Comment by रविकर on July 15, 2013 at 12:00pm

थोडा सा परिवर्तन करने की गुस्ताखी की है आदरेया-
क्षमा करें-

अबला नारी जो कहे, उसको मूरख जान |
नारी से है जग बढ़ा , नारी नर की खान ||
नारी नर की खान , प्यार बलिदान दिया है |
नारी नहिं असहाय , मर्म ने विवश किया है

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
31 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Feb 1
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service