For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उत्तराखंड की आपदा हो ,या देश के दुश्मनो के काले कारनामो  मे लाखो लोगो का  एक मात्र सहारा भारतीय सेना, उसका एक हेलीकाप्टर दुर्र्घटना ग्रस्त हुआ और हमारे नायक सहीद हुए ! घटना स्थल के निकट होने के कारण , मन मे कुछ भाव उठे जो लिख रहा हु ! मंच के प्रबुद्ध भागीदार त्रुटियों को माफ़ करते हुए |सभी को भगवान सुरक्षित करे शांति दे यही इच्चा है !

मेरी भावना समझने की क्रपया करे 

तंग हालात मे जो हस के गुजर जाते है |

मुसीबतों मे  जो सोना सा निखर जाते है 

उनकी पेशानी  पे  चमका ना पसीना श्रम का 

उनकी राहो  मे दुःख आकर ठहर जाते है |

तंग हालात मे जो हस के गुजर जाते है 

देश के खातिर जो   अपनी जान पर खेल जाते है । 

मुसीबत जो भी हो , याद वो ही आते है ।

हमला सीमा पर हो या अंदर सामने वो खड़े हो जाते है !

घर परिवार है उनके भी, अपने बच्चे याद कहा आते है !

देश के हर दुश्मन को वो हिम्मत से   मार भगाते है

 या  तिरंगे मे  लिपटे ताबूत मे बापस  घर तब अपने  आते  है |

देश के जर्रे - जर्रे से  सदा महानायक का दर्ज़ा पाते है |

मोलिक एवं अप्रकाशित -

नोट >( संशोधन करते समय ये रचना अज्ञात कारणों से समाप्त हो गयी है  )

Views: 615

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by aman kumar on June 28, 2013 at 2:00pm

आपका असिर्वाद मिला डॉक्टर सहाब , आभार 

Comment by Dr Babban Jee on June 28, 2013 at 1:49pm

Priya Aman Ji

Ek sainik ki jindgi ki tasvir ubharne ke liye, jo apne shabd chune , bahut hi ache hain/ badhai.

Comment by aman kumar on June 28, 2013 at 1:20pm

रविकर जी , एवं विजय जी का सादर आभार !

Comment by विजय मिश्र on June 28, 2013 at 11:49am
" अमन चमन हित जान, निछावर हँसते हँसते |
भूले ना एहसान,सैनिकों तुम्हें नमस्ते - "
-रविकरजी से उधार लिए इन शब्दों से मैं भी भारतीय सेना के सेवा भाव और समर्पण को हृदय से प्रणाम करता हूँ
Comment by रविकर on June 28, 2013 at 10:35am

नमन नमस्ते नायकों, नम नयनों नितराम |
क्रूर कुदरती हादसे, दे राहत निष्काम |

दे राहत निष्काम, बचाते आहत जनता |
दिए बगैर बयान, हमारा रक्षक बनता |

अमन चमन हित जान, निछावर हँसते हँसते |
भूले ना एहसान, शहीदों नमन नमस्ते -

Comment by aman kumar on June 28, 2013 at 10:19am

रविकर सहाब ,मेरी पूरी रचना ही गायब हो गयी थी , अब दुबारा पोस्ट की है ! 

आपका स्नेह प्राप्त हुआ आभार ! 

Comment by रविकर on June 28, 2013 at 10:03am

मेरी टिप्पणी-
गायब है-
शुभकामनायें-

Comment by aman kumar on June 28, 2013 at 8:49am

भावना के समर्थन के लिए हरीश जी और माथुर जी आपका आभार !असल मे सेना मे होना  कोई नोकरी नही है ये तो सेवा है जज्बा है इमानदारी है ! 

Comment by Harish Upreti "Karan" on June 27, 2013 at 11:18pm

अमन जी सही कहा एक सैनिक अपनी जान पर खेलकर देशवाशियों की जान बचाता है फिर चाहे वह जंग का मैदान हो या आपदा की घडी........बधाई शानदार उद्गारों क लिए.....

Comment by D P Mathur on June 27, 2013 at 6:53pm

जी सही कहा आपने उत्तराखंड में संजीवनी बनी सेना के जवान जो विकट परिस्थितियों में तीर्थयात्रियों को बचाने के लिये खराब मौसम में कार्य करते हुए अपना ध्यान नही रख पा रहे हैं उनका मकसद हर हाल में बस सभी को सुरक्षित निकालना है जब वे जवान शहीद हुए तो दुख की घड़ी में एक दुख और हमें मिला ! ईश्वर उन साहसी जवानो के परिवार जनों को हिम्मत प्रदान करें !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
28 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
43 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
49 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
54 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
58 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी आदरणीय यही कि जिस मुक़द्दमे का इतना चर्चा था उसमें हारने वाले को सज़ा क्या हुई उसका भी चर्चा…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। सुझावों के बाद यह और बेहतर हो गयी है। हार्दिक बधाई…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"वक़्त बदला 2122 बिका ईमाँ 12 22 × यहाँ 12 चाहिए  चेतन 22"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service