आशा के सहारे इंसान अपनी सारी उम्र गुजार देता हैI यही कि अब अच्छा होने वाला है अब सब सही हो जाएगा1 मैं सोचती हूँ क्या सचमुच सब सही हो जाएगाIजिंदगी की गाड़ी पटरी पर चलने लगेगी1भगवान देता है माना पर मुझे दिया अस्त-व्यस्त बिखरा हुआI अब उसे समेटना हैI यहाँ संभालो तो वहाँ की चिंता,वहाँ संभालो तो यहाँ की चिंता क्या करूं?पता नही कब सब कुछ सही होगा,होगा की नही1 जीवन के इस करूक्षेत्र में आशा और निराशाके इस महाभारत में कहीं कौरव न जीत जाए1भगवान कृष्ण तुम कहाँ हो? सुनते क्यों नही ?पुकारते-पुकारते थक गई हूँ1 सही मायनों में कोई शक्ति है तो जिसके कारण जीवन में अगर उसकी कृपा हो तो अच्छा ही अच्छा1 अभी-अभी मन ने कहा अच्छा ही होगा1 भगवान जो करता है अच्छा ही करता है1कर्म किए जा भक्त फल की इच्छा मत कर1मुझे फल नही सब्जी ही दे दो1 मैं तो उसी में संतुष्ट हूँ1 मैं तो सलाद से ही काम चला लूंगी1सलाद भी सेहत के लिए अच्छा है1 फल मँहगे भी हैं इसलिए हे प्रभु मुझे तो आप सलाद ही दे दीजिए1आपक कृपा होगी1 अंतरात्मा से आवाज आई पागल है जो सलाद माँग रही है1दुनिया तो ईश्वर से फल की इच्छाकरती है और तू है जो सलाद ही दे दो कह रही है1 मैंने कहा ये आत्मा भी तो भगवान का ही अंश है फिर कण-कण में भगवान समाया हुआ है तो फल माँगूं या सब्जी1 भई हम तो हिंदुस्तानी हैं जो मिल जाए उसी में खुश और हाँ गीता में भगवान कृष्ण ने उपदेश दिया है कि फल की इच्छा मत कर तो मैंने सोचा क्यूं न सब्जी की इच्छा करूं1 भगवान की बात मानना भी तो जरूरी है1 इसी आशा से कि सब्जी माँगने पर सुनवाई अवश्य होगी1जीवन की गाड़ी पटरी पर जरूर आएगी और सिगनल मिलने पर सिटी देकर सही स्टेशन पर रूकेगी1
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
मंगलमय हमेशा मंगल ही करते हैं यह गांठ बांध लीजिए कभी तकलीफ नहीं होगी । अपनी एक तस्वीर भी कृपया लगा दें ताकि दुआ के लिए उठे हाथों को मंजिल तो दिखे अन्यथा सारी दुआएं किसी और की झोली में चली जाएंगी
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online