For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल "आदमीयत हो गयी है बेअसर हम क्या कहें"

पश्चिमी तूफां से हैं सब दर-ब-दर हम क्या कहें 
आदमीयत हो गयी है बेअसर हम क्या कहें

 

दौर धोखों और फरेबों का चला है इस कदर 
रहजनी अब कर रहे हैं राहबर हम क्या कहें

 

सच बयानी आजकल घाटे का सौदा हो गया 
झूठ कहना हो गया है अब हुनर हम क्या कहें

 

जिंदगी सब जी रहे हैं जिंदगी की खोज में 
है यहाँ पर कौन किसका हमसफ़र हम क्या कहें


लूटते शैतान इज़्ज़त चीखती हैं बच्चियां  
पत्थरों का शहर है, पत्थर बशर हम क्या कहें

 

आते जाते अब सिपाही फिर करें उनको सलाम  
चोर के फिर जीतने की है खबर हम क्या कहें

 

हम उजालों को तरसते ही रहे फुरकत के बाद 
"दीप" काली रात ठहरी इस कदर हम क्या कहें

संदीप पटेल “दीप”

Views: 418

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Nishchal on May 17, 2013 at 11:44am

वाह बहुत सुन्दर संदीप भाई

Comment by विजय मिश्र on May 16, 2013 at 3:49pm
आज के हालात और गुरते इस बदनुमा वख्त के गाल पर एक झन्नाटेदार तमाचा है आपकी ये रचना , संदीपजी ,यूँही अलख जगाते रहिये . बधाई .
Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 16, 2013 at 3:22pm

आदरणीय केवल प्रसाद जी , आदरणीय प्रदीप सर जी, आदरणीय श्याम नारायण सर जी आप सभी का इस उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत आभार
स्नेह यूँ ही बनाए रखिए

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 16, 2013 at 11:39am

हम उजालों को तरसते ही रहे फुरकत के बाद 
"दीप" काली रात ठहरी इस कदर हम क्या कहें

वाह दीप जी क्या शानदार गजल कही 

बधाई 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 15, 2013 at 9:12pm

आ0 संदीप भाई जी,   वाह!  क्या खूब।  शानदार गजल हुई है।  हार्दिक बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by Shyam Narain Verma on May 15, 2013 at 6:10pm
बहुत सुन्दर...बधाई स्वीकार करें ………………

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
2 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service