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टूथ-पेस्ट की ट्यूब

टूथ-पेस्ट की ट्यूब

 

और एक दिन ऐसा भी आता है

खूब खूब दबाने से निकलता

चने के दाने बराबर

इत्ता सा टूथ-पेस्ट...

कि बने झाग थोडा सा

मुंह की बदबू दूर हो जाए

मुहलत मिले इतनी कि

शाम खदान से लौटते वक्त

ज़रूर खरीद लाना है

एक नया टूथ-पेस्ट...

 

अगली सुबह

हड़बड़ी में

वाश बेसिन के सामने

ब्रुश उठाते ही हाथ में

दिख जाता वही

पिचका

चिपटा

तुडा-मुडा टूथपेस्ट

मुंह चिढाता मुझे...

और मरता क्या न करता

किसी तरह ट्यूब को

बेदर्दी से निचोड़ कर

निकालता

छोटे चने बराबर टूथपेस्ट

चुपचाप मुंह में बनने देता झाग...

 

फिर वही संकल्प

आज तो याद करके

खरीद लेना है

ज़रूर से ज़रूर

नया टूथपेस्ट....

और मोबाइल में

शाम के लिए सेट करता हूँ

रिमाईन्डर.....

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 16, 2013 at 7:56pm

आपसी व्यवहार में आज जिस तरह से एक-दूसरे को यूज करने तथा परस्पर कैजुअल एटिट्यूड अपनी पैठ बना रहा है उसे इंगितों में बहुत ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया गया है. नितांत अपनी-अपनी सी इकाइयों के प्रति ’चलता है’ का भाव सामाजिक और पारिवारिक रूप से हमें कहाँ ल जा रहा है इसकी बानगी है मोबाइल पर रिमाइण्डर सेट करना. 

हल्की-फुल्की शैली में जिस तरह से आपने इतनी गंभीर बात की है, आपकी रचनाधर्मिता के प्रति मन में आदर के भाव बन रहे हैं. 

आपसे इस मंच को बहुत उम्मीदें हैं, अनवर साहब.

सादर

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 14, 2013 at 2:32pm

आज के भाग दौड़ वाली जिन्दगी में आदमी कैसे जरूरी काम भी भूल जाता है, और कैसे मोबाइल पर निर्भर हो गया 

इसे अभिव्यक्त करती सुन्दर रचना के लिए बधाई श्री अनवर सुहैल भाई 

Comment by Yogi Saraswat on March 14, 2013 at 12:16pm

फिर वही संकल्प

आज तो याद करके

खरीद लेना है

ज़रूर से ज़रूर

नया टूथपेस्ट....

और मोबाइल में

शाम के लिए सेट करता हूँ

रिमाईन्डर.....

हहहाआआअ ये भी याद रखने का एक तरीका है


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 14, 2013 at 11:25am

हाहाहा.... बढ़िया अभिव्यक्ति,

टूथपेस्ट के अंतिम पल और मोबाइल में रिमाइंडर का फीड किया जाना... हाहाहा 

कृपया ध्यान दे...

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