खो रहा पहचान आदम,
हो रहा शैतान आदम,
चोर मन ले फिर रहा है,
कोयले की खान आदम,
नारि पे ताकत दिखाए,
जंतु से हैवान आदम,
मौत आनी है समय पे,
जान कर अंजान आदम,
सोंचता है सोंच नीची,
बो रहा अपमान आदम,
मौज में सारे कुकर्मी,
क्या खुदा भगवान आदम???
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
Comment
आभार आदरणीया
सुंदर अभिव्यक्ति.......
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