For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पोते-पोतियों से पढ़ना सीख रही है पुलिसवालों की बीबियाँ 
पुलिस वाले हैरान है,हो जाएँगी होशियार उनकी बीबियाँ | -1

पत्निया फिक्रमंद है,कही आँखे न लड़ाले ये कामवाली बाइयां,
चुपके चुपके पतियों से, पढ़ना सीख रही है कामवाली बाइयां |- 2
 
लक्ष्मण जुबां कहती प्रौड़ सिक्षा प्रसार है, होंसला तो बढाओ, 
खामखाह शक कर अपने मियाँ पर यूँ उंगलियाँ न उठाओ | -3
 
दामन किसका साफ़ है, साबित तो होने दो साथियो 
धीरज धर संसद में जिरह तो होने दो मेरे साथियों | - 4
 
कांव-कांव करने वाले भी कोई दूध के धुले नहीं है,
कैग के मुख़ियाँ भी कोई सत्यवादी हरिश्चंद्र नहीं है | -5
 
वजीरे आजम पर यूँ ही सरेआम इल्जाम न लगाओ 
खुद गिरहबान में झांको, बेवजह यूँ उंगली न उठाओ | -६
 
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला

Views: 325

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 28, 2012 at 4:59pm

रचना पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद श्री योगी सारस्वतजी,सवालों पर सहमती तो विचारशील व्यक्ति के लिए आवश्यक भी नहीं है|व्यक्तिगत रूप से मै स्वयं भी मानता हूँ कि ऐसे घोटालों का जितना विरोध किया जाये कम है | पर संसद चलनी देना चाहिए,संसद में जोरदार तरीके से दोषियों की खिचाई की जावे तथा सफाई का भी अवसर मिले | 

Comment by Yogi Saraswat on August 28, 2012 at 4:36pm
दामन किसका साफ़ है, साबित तो होने दो साथियो 
धीरज धर संसद में जिरह तो होने दो मेरे साथियों | - 4
 
कांव-कांव करने वाले भी कोई दूध के धुले नहीं है,
कैग के मुख़ियाँ भी कोई सत्यवादी हरिश्चंद्र नहीं है | -5
आदरणीय श्री लक्षमण प्रसाद जी , आपकी रचना बहुत बढ़िया लगी किन्तु आपके उठाये हुए सवालों से सहमति नहीं बन पाती !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service