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उगते रिश्ते ,ढलते रिश्ते ;
रुकते रिश्ते चलते रिश्ते .
मन के रिश्ते मन से रिश्ते
तन के रिश्ते तन से रिश्ते
अपने रिश्ते बनते रिश्ते
सपने रिश्ते तनते रिश्ते .
उसके रिश्ते इसके रिश्ते
रिसते रिश्ते ,घिसते रिश्ते .
शासक रिश्ते शासित रिश्ते ,
बेदम रिश्ते ,बा-दम रिश्ते .
रिश्ते नीरज ,नीरस रिश्ते
रिश्ते सुधा कहीं गरल रिश्ते .
आंगन रिश्ते उपवन रिश्ते ,
हैं धरा जलद गगन रिश्ते .
रिश्ते पूनम क़ा चाँद भी हैं ,
तारे नयनाभिराम भी हैं .
रिश्ते हैं कौर-कलेवा भी
रिश्ते हर युग क़ा मेवा भी .
रिश्ते मधु सम मधुरिम रिश्ते ,
सत्यम शिवम सुन्दरम रिश्ते
.

दीप जीरवी -- deepzirvi 9815524600

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Comment by DEEP ZIRVI on July 27, 2012 at 7:06pm

dhnywaad rekha joshi ji

Comment by Rekha Joshi on July 24, 2012 at 10:06pm

आदरणीय दीप जी ,सादर

 रिश्ते मधु सम मधुरिम रिश्ते , 

सत्यम शिवम सुन्दरम रिश्ते ,हर रिश्ते की अपनी एक  गरिमा होती है ,सुंदर अभिव्यक्ति ,बधाई 

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