For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सदियों से शोषित-दमित समाज में -
तुम्हारे पास स्पष्ट समझ है
एकदम साफ रास्ता है -
लूट के घिनौने यंत्र को बरकरार रखने में !
लूट के लिए खून बहा देने में !
लूट के खिलाफ उठी हर आवाज को कुचल डालने में !
हैरत तो यह है कि,
कितनी आसानी से सफल हो जाते हो तुम,
अपने नापाक इरादों में !

सच ! तुमको कितना मजा आता है -
अस्मत लुटी औरतों की दर्दनांक मौत में !
लोगों को आपस में ही लड़ा डालने में !
उनके बीच में ही संदेह का बीज पनपा डालने में !
तुम कितनी आसानी से सफल हो जाते हो,
लोगों को बरगला डालने में !

 
2
कुछ बेकार होता,
अगर न होती तुम्हारे पास मजबूत राजसत्ता,
निजी सम्पत्ति का पहरेदार.
लोगों के शरीर से आखरी बूंद तक
निचोड़ डालने के लिए.
परन्तु, तुम्हारा सब कुछ बेकार होता -
गर लोगों के विवेक-बुद्धि को तुमने
ढक न दिया होता
अज्ञानता-अन्धविश्वास-धर्म जैसी
धूल की मोटी परत से, और
हजारों साल से जमी धूल को
साफ करने खातिर उठी हर आवाज को
हर हाथ को,
कुचल न डालते तुम
अपने पाश्विक दमन से...
3
पर हमारी यह कुचली आवाज ही
खून से लथपथ हमारे टूटे हाथ ही
सक्षम है,
लोगों के विवेक-बुद्धि पर पड़ी
इस धूल को साफ कर
तुम्हारे विरूद्ध विद्रोह कर डालने में !!!

Views: 421

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 20, 2012 at 4:00pm

रोहितजी, आज आपकी दो रचनाओं को देख गया.  इस दूसरी रचना ’धूल’ का इंगित दमित और राजनैतिक रूप से कुटिल मनस के पीड़ित हैं. व्यथित स्वरों को आपने मुखर किया, साधुवाद.

ध्यातव्य :  धूल स्त्रीलिंग संज्ञा है.  प्रस्तुत रचना में सम्बद्ध क्रियाओं और कारकों को दुरुस्त कर दिया गया है.

Comment by MAHIMA SHREE on April 20, 2012 at 3:17pm
पर हमारी यह कुचली आवाज ही
खून से लथपथ हमारे टूटे हाथ ही
सक्षम है,
लोगों के विवेक-बुद्धि पर पड़े
इस धूल को साफ कर
तुम्हारे विरूद्ध विद्रोह कर डालने में !!!

वाह रोहित जी , नमस्कार ...इसे कहते है क्रांति का बिगुल ....
जोश और होश जगाती रचना के लिए बहुत बधाई आपको
Comment by Sarita Sinha on April 20, 2012 at 1:40pm

रोहित जी नमस्कार,

उत्कृष्ट व्यंग्य, निशाने  पर चोट करता हुआ.......बधाई...
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 19, 2012 at 6:28pm

पर हमारी यह कुचली आवाज ही
खून से लथपथ हमारे टूटे हाथ ही
सक्षम है,
लोगों के विवेक-बुद्धि पर पड़े
इस धूल को साफ कर
तुम्हारे विरूद्ध विद्रोह कर डालने में !!!

kya shandaar chunauti hai, badhai rohit ji, saadar

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या उचित न होगा, कि, अगले आयोजन में हम सभी पुनः इसी छंद पर कार्य करें..  आप सभी की अनुमति…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.  मैं प्रथम पद के अंतिम चरण की ओर इंगित कर रहा था. ..  कभी कहीं…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
""किंतु कहूँ एक बात, आदरणीय आपसे, कहीं-कहीं पंक्तियों के अर्थ में दुराव है".... जी!…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी जी .. हा हा हा ..  सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य आदरणीय.. "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी  प्रयास पर आपकी उपस्थिति और मार्गदर्शन मिला..हार्दिक आभारआपका //जानिए कि रचना…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।छंदो पर उपस्थिति, स्नेह व मार्गदर्शन के लिए आभार। इस पर पुनः प्रयास…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। छंदो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन।छंदों पर उपस्थिति उत्तसाहवर्धन और सुझाव के लिए आभार। प्रयास रहेगा कि…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हर्दिक धन्यवाद, आदरणीय.. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह वाह ..  दूसरा प्रयास है ये, बढिया अभ्यास है ये, बिम्ब और साधना का सुन्दर बहाव…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रभाजी हार्दिक धन्यवाद प्रशंसा के लिए | "
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service